Ad Image
Ad Image
टाइफून मातमो तूफान को लेकर चीन में ऑरेंज अलर्ट, सेना तैयार || हमास बंधकों को करेगा रिहा, राष्ट्रपति ट्रंप ने गाजा पर बमबारी रोकने को कहा || पहलगाम हमले के बाद पता चला कौन भारत का असली मित्र: मोहन भागवत || भारत के साथ व्यापार असंतुलन कम करने का अपने अधिकारियों को पुतिन का आदेश || मेक्सिको की राष्ट्रपति शीनबाम की इजरायल से अपील, हिरासत में लिए मेक्सिको के नागरिकों को जल्दी रिहा करें || शास्त्रीय गायक पद्मविभूषण छन्नूलाल मिश्र का मिर्जापुर में निधन, PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि || स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का कोई विकल्प नहीं: मोहन भागवत || अमित शाह ने कहा, देश अगले 31 मार्च तक नक्सलवादी लाल आतंक से मुक्त होगा || भारतीय क्रिकेट टीम ने जीता एशिया कप, PM समेत पूरे देश ने दी बधाई || तमिलनाडु: एक्टर विजय की रैली में भगदड़, 31 की मौत, 40 से ज्यादा घायल

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

राजस्व महाअभियान: 3 दिन में 23 लाख जमाबंदी प्रतियां, किसानों को राहत

स्टेट डेस्क, श्रेयांश पराशर |

राजस्व महा-अभियान : तीन दिनों में 23 लाख से अधिक जमाबंदी पंजी की प्रतियां बंटी, किसानों को बड़ी राहत.....

बिहार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से चलाए जा रहे राजस्व महा-अभियान ने तीन दिनों में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। 16 अगस्त से 18 अगस्त तक चले इस विशेष अभियान में अबतक 23 लाख से अधिक जमाबंदी पंजी की प्रतियां किसानों और रैयतों के बीच वितरित की जा चुकी हैं। इस कदम को राज्य सरकार की पारदर्शिता और सुशासन की दिशा में बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।

विभाग के अनुसार, सबसे अधिक वितरण शेखपुरा जिले में हुआ, जहां कुल जमाबंदी प्रतियों का 24.02 प्रतिशत किसानों तक पहुँचा दिया गया। दूसरे स्थान पर जहानाबाद रहा, जहां 14.48 प्रतिशत प्रतियां वितरित हुईं। इसी क्रम में कैमूर 13.78 प्रतिशत, नवादा 13.72 प्रतिशत और पूर्णिया 11.35 प्रतिशत के साथ शीर्ष पांच जिलों में शामिल हुए।

छठे स्थान पर अररिया रहा, जहां 11.16 प्रतिशत वितरण हुआ। सातवें स्थान पर खगड़िया (11.15 प्रतिशत), आठवें पर वैशाली (10.41 प्रतिशत), नौवें पर गोपालगंज (10.28 प्रतिशत) और दसवें स्थान पर किशनगंज (9.29 प्रतिशत) रहा। ये आंकड़े बताते हैं कि छोटे-छोटे जिलों में भी प्रशासनिक सक्रियता और तत्परता के चलते किसानों तक सरकारी सेवाएं तेजी से पहुँच रही हैं।

विशेषज्ञ मानते हैं कि इस अभियान से किसानों को जमीन संबंधी विवादों में काफी राहत मिलेगी। अक्सर जमाबंदी पंजी की प्रतियों के अभाव में किसानों को बैंकों से ऋण लेने, मुआवजा पाने या जमीन की कानूनी पुष्टि कराने में कठिनाई होती थी। अब इन प्रतियों के समय पर वितरण से पारदर्शिता बढ़ेगी और जमीन से जुड़े भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।

राजस्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान आगामी दिनों में और तेज किया जाएगा ताकि राज्य के हर किसान तक जमाबंदी पंजी की प्रति पहुँच सके। विभाग ने जिलाधिकारियों को नियमित समीक्षा और पारदर्शी तरीके से वितरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

कुल मिलाकर, राजस्व महा-अभियान ने मात्र तीन दिनों में जो गति पकड़ी है, उससे साफ है कि बिहार सरकार जमीन संबंधी प्रशासनिक सुधारों को प्राथमिकता दे रही है। यदि यह प्रयास इसी तरह जारी रहा तो किसानों का भरोसा बढ़ेगा और राज्य में भूमि प्रबंधन प्रणाली और अधिक सुदृढ़ होगी।