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रामदेव राम हत्याकांड: जन सुराज नेता रविंद्र सिंह सहित 3 गिरफ्तार

बेतिया, वेरोनिका राय |

रामदेव राम हत्याकांड: जन सुराज नेता रविंद्र सिंह गिरफ्तार, बेतिया में सियासी भूचाल

बेतिया में रामदेव राम हत्याकांड ने राजनीतिक हलकों में सनसनी फैला दी है। पुलिस ने इस नृशंस हत्या का खुलासा करते हुए जन सुराज पार्टी के नेता रविंद्र कुमार सिंह समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार, यह हत्या भूमि विवाद के चलते की गई थी, और इसमें स्थानीय भूमाफिया की संलिप्तता भी सामने आई है।

बेतिया के पुलिस अधीक्षक डॉ. शौर्य सुमन ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि यह घटना 6 जून की रात बेतिया-अरेराज मुख्य मार्ग पर स्थित बगीचा रेस्टोरेंट के पास घटी थी, जहां रामदेव राम की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी।

सीसीटीवी फुटेज बना अहम सुराग

हत्या के बाद से ही पुलिस की एक विशेष टीम हत्यारों की तलाश में जुटी थी। तकनीकी जांच और सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस ने हत्यारों की पहचान की और फिर जन सुराज पार्टी नेता रविंद्र कुमार सिंह, अमर यादव उर्फ शिकारी यादव और एक अन्य सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया।

बगीचा रेस्टोरेंट में बनी थी साजिश

एसपी डॉ. शौर्य सुमन के मुताबिक, हत्या की साजिश बगीचा रेस्टोरेंट परिसर में रची गई थी, जहां रेस्टोरेंट के मालिक रविंद्र कुमार सिंह और अमर यादव ने मिलकर इस खौफनाक वारदात को अंजाम देने की योजना बनाई थी।

चुनाव लड़ने की तैयारी में था आरोपी नेता

जानकारी के अनुसार, रविंद्र कुमार सिंह बेतिया विधानसभा सीट से आगामी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। हत्या के पीछे जमीन विवाद का कारण सामने आना इस घटना को राजनीतिक और आपराधिक गठजोड़ का उदाहरण बनाता है।

पुलिस ने कहा – किसी को नहीं बख्शा जाएगा

एसपी ने कहा, "इस तरह के जघन्य अपराध में जो भी व्यक्ति शामिल है, उसकी राजनीतिक हैसियत या सामाजिक स्थिति की परवाह किए बिना कानूनी कार्रवाई की जाएगी।"

आगे की कार्रवाई

पुलिस अब हत्या में प्रयुक्त हथियारों की बरामदगी, मोबाइल डाटा एनालिसिस और अन्य तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर केस को मज़बूत करने में जुटी है। साथ ही, अन्य संभावित षड्यंत्रकारियों की भी तलाश जारी है।

इस हत्याकांड ने न सिर्फ कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दर्शाता है कि स्थानीय राजनीति और आपराधिक तत्वों का गठजोड़ आम नागरिकों की जान तक पर भारी पड़ सकता है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना हो रही है, लेकिन सवाल यह भी है कि क्या ऐसे अपराधों की जड़ तक जाकर उन्हें रोका जा सकेगा।