
नई दिल्ली, श्रेयांश पराशर|
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने हाल ही में दिए गए एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि भारत को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शक्तिशाली बनना ही होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि "हमारे पास शक्तिशाली बनने के अलावा कोई विकल्प नहीं है... राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हमें निर्बल नहीं रहना चाहिए।"
भागवत ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनना चाहिए और अपनी रक्षा के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि "हमें ऐसी शक्ति प्राप्त करनी चाहिए कि कोई भी शक्ति हमें पराजित न कर सके, चाहे कितनी भी ताकतें एक साथ आ जाएं।"
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि "बल का प्रयोग केवल तभी किया जाना चाहिए जब कोई अन्य विकल्प न हो और जब बुराई को समाप्त करना आवश्यक हो।" उन्होंने बल और धर्म के संतुलन की आवश्यकता पर बल दिया, यह कहते हुए कि "मात्र बल प्रयोग दिशाहीन हो सकता है और इससे अंधाधुंध हिंसा हो सकती है।"
यह साक्षात्कार RSS की 100वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया गया था, जिसमें संगठन की यात्रा, चुनौतियों और भविष्य की दिशा पर चर्चा की गई। भागवत ने कहा कि "संगठन की यात्रा आत्मनिरीक्षण और मूल विचारों के प्रति पुनः समर्पण का अवसर है।"
उन्होंने यह भी कहा कि "हिंदू समाज को एकजुट होकर भारत को इतना शक्तिशाली बनाना चाहिए कि कोई भी उसे पराजित न कर सके।"
यह साक्षात्कार राष्ट्रीय सुरक्षा, संगठन की भूमिका और समाज में एकता की आवश्यकता पर गहन दृष्टिकोण प्रदान करता है।