
नेशनल डेस्क, प्रीति पायल |
24 सितंबर 2025 को बिहार की राजधानी पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने एक अहम बयान दिया। उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी को जातिगत जनगणना और जीएसटी जैसे मुद्दों पर कांग्रेस के निरंतर दबाव के कारण अपना रुख बदलना पड़ा है।
पायलट ने याद दिलाया कि भाजपा ने पहले जाति जनगणना को समाज को बांटने वाला और विषैला बताया था। उन्होंने कहा कि 11 साल की केंद्रीय सत्ता के दौरान भी भाजपा इस मुद्दे से बचती रही, लेकिन राहुल गांधी और कांग्रेस के लगातार दबाव के बाद मई 2025 में केंद्र सरकार को इसकी घोषणा करनी पड़ी।
हालांकि, पायलट ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जून 2025 की अधिसूचना में जाति का स्पष्ट उल्लेख नहीं था और केवल 570 करोड़ रुपये का बजट रखा गया जबकि इसके लिए 8-10 हजार करोड़ रुपये की आवश्यकता है। उन्होंने तेलंगाना सरकार के विस्तृत सर्वे मॉडल को अपनाने का सुझाव दिया।
जीएसटी के संदर्भ में पायलट ने कहा कि विपक्ष में रहते समय भाजपा ने इसका कड़ा विरोध किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद इसे लागू कर दिया। उन्होंने इसे कांग्रेस की पुरानी मांग बताया और आरोप लगाया कि भाजपा इसका श्रेय ले रही है।
सितंबर 2025 में जीएसटी दरों में हुई कटौती को भी पायलट ने कांग्रेस के दबाव का परिणाम बताया और कहा कि विपक्षी राज्य सरकारों की सहमति के बिना यह संभव नहीं था।
पायलट ने न्यूक्लियर डील और आधार कार्ड के उदाहरण देते हुए कहा कि भाजपा ने कांग्रेस की नीतियों का विरोध किया लेकिन बाद में उन्हें अपनाया। उन्होंने जोर देकर कहा कि जनता और INDIA गठबंधन का दबाव भाजपा को नीति बदलने पर मजबूर कर रहा है।