
लोकल डेस्क, एन. के. सिंह।
300 मच्छरदानी और 600 जीवनजल का वितरण, वक्ताओं ने व्यक्तिगत स्वच्छता, शुद्ध पेयजल और मच्छर नियंत्रण पर जोर दिया, और अन्य संस्थाओं से भी ऐसे कार्यक्रम चलाने की अपील की।
रक्सौल: लायन्स क्लब ऑफ बीरगंज आदर्शनगर ने डेंगू और हैजा जैसी गंभीर बीमारियों से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की है। मंगलवार को सामुदायिक सेवा केंद्र और सामुदायिक प्रहरी सेवा केंद्र, मुरली श्रीपुर–11 के सहयोग से एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य स्थानीय समुदाय को इन बीमारियों से सुरक्षित रखना था। इस अवसर पर 300 मच्छरदानियाँ और 600 पैकेट जीवनजल (ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट्स) का वितरण किया गया।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, पर्सा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) गौतम मिश्र ने जनस्वास्थ्य के प्रति इस तरह की सामाजिक जिम्मेदारी की सराहना की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, "डेंगू और हैजा जैसी बीमारियाँ वर्तमान में महामारी का रूप ले रही हैं, और इनकी रोकथाम के लिए इस तरह के सामाजिक प्रयास बेहद प्रभावी साबित होते हैं।" उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सामुदायिक सहभागिता ही जनस्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता लायन्स क्लब ऑफ बीरगंज आदर्शनगर, डिस्ट्रिक्ट 325 के अध्यक्ष सुरेश रुंगटा ने की। उन्होंने बताया कि क्लब का मुख्य लक्ष्य समाज के कमजोर वर्गों की मदद करना और जनस्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियों का समाधान करना है।
इस पहल में क्लब के कई प्रमुख पदाधिकारियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिनमें उपाध्यक्ष किशोर गुप्ता, सचिव मनीष गोयल, डिस्ट्रिक्ट एग्जीक्यूटिव चीफ प्रकाश बाहेती, प्रदीप डालमिया, विनय बंसल, राजन सरावगी और रामबिहारी पांडे शामिल थे।
कार्यक्रम में अन्य व्यक्तियों की भी उल्लेखनीय भागीदारी रही, जिनमें वार्ड नं. 11 के अध्यक्ष अजय चौरेसिया, दिलीप प्रधानका, वार्ड प्रहरी कार्यालय श्रीपुर के प्रहरी निरीक्षक श्यामकुमार बस्नेत, सामुदायिक सेवा केंद्र की उपाध्यक्ष रेखा घिमिरे, और न्यूरो अस्पताल के डॉ. श्याम बाबु प्रसाद शामिल थे।
इस अभियान में सामुदायिक प्रहरी सेवा केंद्र श्रीपुर के अध्यक्ष राम सराफ, सहायक हवलदार सुरेन्द्र कुमार यादव, महिला प्रहरी जवान धनमाया दाहाल, और एनुलहक देवान जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी सक्रिय भूमिका निभाई।
वक्ताओं ने अपने संबोधन में डेंगू और हैजा की रोकथाम के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय बताए, जिनमें व्यक्तिगत और सामुदायिक स्वच्छता बनाए रखना, शुद्ध पेयजल का प्रयोग करना और मच्छरों के प्रजनन को नियंत्रित करना शामिल है। उन्होंने सभी सामाजिक संस्थाओं से अपील की कि वे इस तरह के जागरूकता और सहायता कार्यक्रमों को निरंतर जारी रखें ताकि एक स्वस्थ और सुरक्षित समाज का निर्माण हो सके।