
स्टेट डेस्क, श्रेया पण्डेय |
लद्दाख में हाल ही में हुई हिंसा के बाद सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक जांच के घेरे में आ गए हैं। उन पर विदेशी फंडिंग में अनियमितता के आरोप लगे हैं। सूत्रों के अनुसार, उनकी एक संस्था का विदेशी फंडिंग लाइसेंस रद्द कर दिया गया है, जबकि दूसरी संस्था के खिलाफ सीबीआई जांच शुरू कर दी गई है।
सोनम वांगचुक लद्दाख को विशेष दर्जा देने की मांग को लेकर आंदोलन चला रहे थे। इसी दौरान उनके खिलाफ ये कार्रवाई की गई है। जांच एजेंसियों का आरोप है कि सोनम वांगचुक की संस्थाएं विदेशी फंडिंग के जरिए भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल थीं। फोर्ड फाउंडेशन समेत कई विदेशी संस्थाओं से उनकी संस्था को फंडिंग मिली थी।
सोनम वांगचुक पर आरोप है कि उनकी संस्थाएं विदेशी फंडिंग का दुरुपयोग कर रही थीं। जांच एजेंसियों का कहना है कि ये फंडिंग भारत विरोधी गतिविधियों के लिए की जा रही थी। सोनम वांगचुक की संस्था के लिंक सीआईए और डीप स्टेट जैसी विदेशी एजेंसियों से भी जुड़े होने का आरोप है।
हाल ही में दिल्ली पुलिस ने सोनम वांगचुक को हिरासत में लिया था, जब वे लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर राजधानी की ओर मार्च कर रहे थे। हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया था।
सोनम वांगचुक के समर्थन में कई राजनीतिक और सामाजिक हस्तियां सामने आई हैं। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने भी सोनम वांगचुक से मिलने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया।
सोनम वांगचुक के खिलाफ जांच की कार्रवाई ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। अब देखना यह है कि जांच का क्या नतीजा निकलता है और सोनम वांगचुक के खिलाफ क्या आरोप सिद्ध होते हैं। इस मामले में आगे की जांच जारी है और जल्द ही इसके परिणाम के बारे में पता चल सकेगा.