क्राइम डेस्क, प्रीति पायल |
वाराणसी में सितंबर 2025 में चितईपुर इलाके में देह व्यापार का एक बड़ा रैकेट उजागर हुआ। पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन टीम ने एक किराये के मकान पर छापेमारी की, जहां यह अवैध धंधा गेस्ट हाउस के नाम पर संचालित किया जा रहा था। इस कार्रवाई में कुल 15 लोगों को हिरासत में लिया गया। इनमें 9 युवतियां शामिल थीं जो बिहार और झारखंड जैसे अलग-अलग राज्यों से लाई गई थीं। उनकी उम्र 18 से 25 साल के बीच थी। इसके अलावा 6 पुरुष ग्राहक भी गिरफ्तार किए गए।
मुख्य आरोपी एक 35 वर्षीय व्यक्ति था जो यह धंधा ऑनलाइन ऐप्स और व्हाट्सएप के माध्यम से चला रहा था। पुलिस ने मौके से कंडोम, शराब की बोतलें, मोबाइल फोन और नकदी बरामद की। रेस्क्यू की गई महिलाओं को संरक्षण गृह में भेजा गया और उनका मेडिकल परीक्षण कराया गया।
सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 370 (मानव तस्करी) और 384 (धमकी) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। वाराणसी एसएसपी ने बताया कि यह हाई-प्रोफाइल रैकेट था जिसमें बाहरी राज्यों से लड़कियों को लाया जा रहा था। यह वाराणसी में पिछले दो महीनों का पांचवां ऐसा मामला था।
2014 में उत्तराखंड के काशीपुर (रामनगर) में एक समान घटना हुई थी जिसमें बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा की जिला महामंत्री शबाना परवीन और उनकी दो बेटियां शामिल थीं। उस मामले में संचालिका समेत 6 महिलाओं को पकड़ा गया था।
वर्तमान वाराणसी मामले में किसी राजनीतिक कनेक्शन का स्पष्ट उल्लेख नहीं है, हालांकि स्थानीय स्तर पर कुछ संपर्कों की जांच जारी है। एनजीओ फ्रीडम फर्म ने इस मामले में सहयोग दिया है।







