विदेश डेस्क, ऋषि राज |
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की दक्षिण कोरिया के बुसान में हुई मुलाकात ने अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। दोनों नेताओं ने वैश्विक व्यापार, सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की। मुलाकात के दौरान ट्रंप ने कुछ मुद्दों पर असहमति जताते हुए कहा, “शी चिनफिंग की कुछ बातें मुझे अच्छी नहीं लगीं, लेकिन हमारी बातचीत बहुत सफल रही।”
यह बैठक ऐसे समय हुई है जब अमेरिका और चीन के बीच व्यापार और तकनीकी मुद्दों पर तनाव बना हुआ है। इसके बावजूद ट्रंप ने कहा कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग एक “महान देश के महान नेता” हैं और उनके साथ बातचीत करना “सम्मान की बात” है। उन्होंने आगे कहा, “हम पहले ही कई बातों पर सहमत हो चुके हैं और आने वाले दिनों में और भी मुद्दों पर समझौता होगा।”
ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि चीन और अमेरिका के बीच नया व्यापार समझौता जल्द ही हस्ताक्षरित हो सकता है, संभवतः गुरुवार को। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच चल रहे मतभेदों को बातचीत के ज़रिए सुलझाया जा सकता है। ट्रंप ने कहा, “शी चिनफिंग बहुत सख्त वार्ताकार हैं, यह अच्छी बात नहीं है, लेकिन यही उनकी मजबूती है। हमारे बीच हमेशा से गहरे और ईमानदार संबंध रहे हैं।”
दूसरी ओर, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भी ट्रंप की तारीफ की और बातचीत को “सकारात्मक और उपयोगी” बताया। उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप, आपसे मिलकर मुझे बहुत खुशी हुई। आपको दोबारा देखकर अच्छा लगा क्योंकि कई साल बीत चुके हैं। आपके पुनर्निर्वाचन के बाद से हमने तीन बार फोन पर बात की है और कई बार पत्रों का आदान-प्रदान किया है।”
शी चिनफिंग ने यह भी स्वीकार किया कि दोनों देशों के बीच मतभेद होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा, “हमारी राष्ट्रीय परिस्थितियां अलग हैं, इसलिए विचारों में अंतर होना सामान्य बात है। लेकिन हमारे मार्गदर्शन में चीन-अमेरिका संबंध स्थिर बने हुए हैं।” इस मुलाकात को कई विशेषज्ञ अमेरिका-चीन संबंधों में नई शुरुआत के रूप में देख रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों से दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव, तकनीकी प्रतिबंधों और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में बढ़ते प्रभाव को लेकर विवाद रहा है। ऐसे में यह बैठक दोनों देशों के बीच संवाद की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
हालांकि, ट्रंप के “शी चिनफिंग की ये बात अच्छी नहीं” वाले बयान ने यह भी साफ कर दिया कि दोनों देशों के बीच अब भी कुछ मुद्दे विवादित बने हुए हैं। इसके बावजूद, दोनों नेताओं ने भविष्य में बातचीत जारी रखने और सहयोग की नई संभावनाओं पर काम करने की प्रतिबद्धता जताई है।







