
मोतिहारी, एन.के. सिंह |
सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में संस्थागत प्रसव के उपरांत प्रसूति माताओं को दिया जाएगा "जच्चा बच्चा किट": किट में घी, दलिया, प्रोटीन पाउडर व अन्य पौष्टिक आहार उपलब्ध, एक माह मे वितरण के लिए उपलब्ध कराये गये 4375 "जच्चा बच्चा किट"
सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में संस्थागत प्रसव कराने वाली माताओं को समुचित उपचार के साथ-साथ पोषण का भी विशेष ख्याल रखा जा रहा है, इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने बेहतर पहल की है अब सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव कराने वाली माताओं को डिस्चार्ज के दौरान जच्चा-बच्चा किट दिया जा रहा है| इस किट में उन्हें सुधा स्पेशल घी, खिचड़ी प्रीमिक्स, नमकीन दलिया प्रीमिक्स, राइस खीर प्रीमिक्स, सुधा ठेकुआ तथा बेसन बर्फी दिया जा रहा है। इस सम्बन्ध में सीएस डॉ रविभूषण श्रीवास्तव ने कहा की सरकार का प्रयास है कि इस योजना के माध्यम से हर गर्भवती महिला को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें साथ हीं महिला के पोषण पर भी विशेष ध्यान दिया जाए जिससे मां और बच्चे दोनों स्वस्थ रहें। डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन ठाकुर ने बताया की इसमें संपूर्ण टीकाकरण एवं परिवार नियोजन से संबंधित जानकारी की सूची भी दी जा रही है, जिससे पता चलेगा कि कौन सा टीका कब लगवाना है एवं सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में परिवार नियोजन के कौन कौन से साधन उपलब्ध है| मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य से जुड़ी विवरणिका में जननी सुरक्षा कार्यक्रम के तहत जांच और इलाज की पूरी जानकारी उपलब्ध करायी गयी है| यह भी बताया गया की राज्य स्तर 4375 "जच्चा बच्चा किट" एक माह में वितरण करने के लिए प्राप्त हुआ है जिसका स्वास्थ्य संस्थानवार पिछले माह के प्रसव की संख्या के अनुरूप वितरण सूची बनाकर सभी स्वास्थ्य केंद्रों को उपलब्ध करा दिया गया है|
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में होगा बेहतर सुधार:
स्वास्थ्य विभाग की इस पहल का उद्देश्य सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करना, प्रसव के बाद माताओं की बेहतर देखभाल सुनिश्चित करना और नवजात शिशुओं को सुरक्षित करना है। स्वच्छता के मानकों के अनुरूप किट तैयार किया गया है इससे स्वास्थ्य एवं पोषण के मानकों में सुधार लाया जा सकेगा। पीएसआई इंडिया के जिला प्रबंधक अमित कुमार के द्वारा लाभार्थियों एवं सेवाप्रदाताओं को यह समझाया गया कि प्रसूति माताओं को प्रसव के बाद पोषणयुक्त खान-पान की विशेष जरुरत होती है जिससे प्रसव के बाद उनकी उर्जा और स्वास्थ्य दुबारा सामान्य हो सके जिससे माँ एवं बच्चा दोनों स्वास्थ्य रहें एवं उनका पोषण प्रक्रिया भी बेहतर हो सके, प्रसव के बाद महिलाओं का पौष्टिकयुक्त खाना खाने से उन्हें एनीमिया के खतरों से सुरक्षित रखता है साथ हीं नवजात को भी पर्याप्त आहार प्राप्त होता है|
संस्थागत प्रसव को मिलेगा बढ़ावा:
डीसीएम नंदन झा ने कहा की सरकार की यह बहुत ही अच्छी पहल है इससे जिला सहित राज्य में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिलेगा जिससे माता मृत्यु एवं शिशु मृत्यु को कम किया जा सकेगा| जच्चा बच्चा किट के उपलब्ध होने से महिलाओं का अब प्रसव के लिए सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों की तरफ रूचि बढ़ेगी साथ हीं महिलाओं एवं उनके परिजनों के लिए एक आकर्षण साबित होगा| “जच्चा-बच्चा कीट” में महिलाओं के लिए लगभग सभी जरुरी पोषक खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराये गए हैं साथ हीं आयरन, कैल्शियम का टैबलेट के साथ-साथ इच्छुक लाभार्थियों को परिवार नियोजन के साधन भी उपलब्ध कराया जा रहा साथ हीं लाभार्थियों के बेहतर जानकारी के लिए मातृ स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य एवं परिवार नियोजन से संबंधित पम्पलेट भी उपलब्ध कराया जा रहा है जिससे लाभार्थियों का स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाया जा सके|