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साइकिल से किया प्रचार, जीत पर पहनी चप्पल; ऐसे थे हरसिद्धि के विधायक युगल किशोर प्रसाद सिंह

स्टेट डेस्क, आर्या कुमारी |

Bihar Assembly Election: 1972 में जनता पार्टी ने युगल किशोर प्रसाद सिंह को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा। वे सिर पर पगड़ी बांधे, नंगे पैर बिना चप्पल के चुनावी जंग में कूद पड़े।

आजादी के बाद 1952 में पहली बार चुनाव हुआ। हरसिद्धि विधानसभा से स्थानीय समाजवादी नेता युगल किशोर प्रसाद सिंह ने किस्मत आजमाई। वे सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन हार गए। इसके बाद वे लगातार चुनाव में उतरे पर जीत नहीं मिली। 1972 में उन्होंने संकल्प लिया कि जब तक चुनाव जीतकर विधायक नहीं बनेंगे, तब तक चप्पल नहीं पहनेंगे। उस चुनाव में भी हार मिली, लेकिन अगले पांच साल तक वे नंगे पैर ही जनता के बीच जाते रहे। धूप हो या ठंड, वे लगातार गांव-गांव जनसेवा में जुटे रहे।

1977 के विधानसभा चुनाव में जनता पार्टी ने उन्हें टिकट दिया। इस बार भी वे पगड़ी बांधे और नंगे पैर मैदान में उतरे। उनकी लोकप्रियता ने उन्हें हरसिद्धि से जीत दिलाई। जीत के बाद समर्थकों ने उन्हें उनका संकल्प याद दिलाया। चुनाव जीतने के बाद वहीं पर लोगों ने चंदा इकट्ठा किया। किसी ने दस पैसा तो किसी ने 25 पैसा दिया। उसी पैसे से विधायक बने युगल किशोर प्रसाद सिंह के लिए चप्पल, धोती, कुर्ता, पगड़ी और छाता खरीदा गया। समर्थकों ने उन्हें भेंट किया, फिर जीप पर बैठाकर विजय जुलूस निकाला।

पैदल और साइकिल से किया प्रचार

हरपुर राय ग्राम निवासी युगल किशोर प्रसाद सिंह प्रचार के लिए कभी पैदल तो कभी साइकिल से निकलते थे। वे एक दिन में दो-तीन गांव ही पहुंच पाते थे। जहां शाम होती, उसी गांव में रुक जाते और समर्थक भोजन का प्रबंध करते। अगली सुबह वहां से अगले गांव निकल पड़ते।

दृढ़ निश्चय वाले थे युगल किशोर

युगल किशोर के पुत्र जयप्रकाश प्रसाद सिंह बताते हैं, “पिताजी जो ठान लेते थे, उसे पूरा किए बिना नहीं रुकते थे। पिताजी ने हरसिद्धि विधानसभा से चुनाव जीतने को अपना मिशन बनाया था। उन्होंने 1977 में चुनाव जीतकर अपना संकल्प पूरा किया। इसके बाद वर्षों तक चर्चा होती रही कि जब तक चुनाव नहीं जीतेंगे, तब तक चप्पल नहीं पहनेंगे।”