स्टेट डेस्क, आर्या कुमारी |
बिहार में एनडीए गठबंधन के सीट बंटवारे के बाद जदयू में उथल-पुथल मच गई है। दिनारा और सासाराम सीट रालोमा को मिलने पर पूर्व मंत्री जयकुमार सिंह और पूर्व विधायक डॉ. अशोक कुमार ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। डॉ. अशोक कुमार बसपा में शामिल होकर सासाराम से चुनाव लड़ेंगे। वहीं, जदयू के पांच प्रखंड अध्यक्षों के इस्तीफे से भाजपा खेमे में भी चिंता बढ़ गई है।
एनडीए के सीट बंटवारे के बाद जदयू में बगावत का सिलसिला शुरू हो गया है। दिनारा और सासाराम विधानसभा सीट रालोमा के खाते में जाने के बाद दो पूर्व विधायकों ने किनारा कर लिया है। पूर्व मंत्री और दिनारा के पूर्व विधायक जयकुमार सिंह ने जदयू छोड़ने की घोषणा की, जबकि सासाराम के पूर्व विधायक डॉ. अशोक कुमार ने अपने समर्थकों संग बसपा का दामन थाम लिया है और चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
जदयू के पांच प्रखंड अध्यक्षों ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफों की इस लहर ने भाजपा को भी बेचैन कर दिया है, क्योंकि उसे डर है कि यह असंतोष कहीं उसके पाले में न पहुंच जाए। दोनों दलों के वरिष्ठ नेता डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं।
पूर्व मंत्री जयकुमार सिंह ने कहा, “मैं 14 अक्टूबर को दिनारा पहुंचूंगा, जहां कार्यकर्ताओं और समर्थकों से चर्चा कर आगे का निर्णय लूंगा। मैं 2005 से 2020 तक लगातार तीन बार विधायक रहा, लेकिन टिकट वितरण में ऐसा हाल पहले कभी नहीं देखा। कुछ लोगों ने पैसे के खेल में टिकट दूसरे दल को दे दिया है। नीतीश कुमार आज भी मेरे सर्वमान्य नेता हैं, मैं उनके खिलाफ जीवनभर कुछ नहीं कहूंगा।”
तीन बार के विधायक और पूर्व मंत्री रह चुके जयकुमार सिंह के इस्तीफे से जदयू को बड़ा झटका लगा है। वहीं, सासाराम के पूर्व विधायक डॉ. अशोक कुमार ने कहा, “मैं सासाराम से ही चुनाव लड़ूंगा और जीतूंगा। उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी का उम्मीदवार चौथे स्थान पर रहेगा।”
डॉ. कुमार दो बार विधायक रह चुके हैं। पार्टी नेतृत्व के फैसले से नाराज होकर सासाराम जिला जदयू के पांच प्रखंड अध्यक्षों ने भी इस्तीफा दे दिया है। जदयू जिलाध्यक्ष अजय कुशवाहा ने बताया कि सासाराम प्रखंड अध्यक्ष सिकंजय सिंह, सासाराम नगर अध्यक्ष विनोद कुशवाहा, दिनारा प्रखंड अध्यक्ष अरुण कुशवाहा, दावथ प्रखंड अध्यक्ष अशोक चौधरी और सूर्यपुरा प्रखंड अध्यक्ष धर्मजीत चंद्रवंशी ने पद छोड़ दिया है।







