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सुकमा IED ब्लास्ट: ASP आकाश राव शहीद, कई जवान घायल

सुकमा/रायपुर, ऋषि राज |

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में आज सुबह नक्सलियों द्वारा लगाए गए IED ब्लास्ट में ASP आकाश राव गिरिपुंजे शहीद हो गए। यह ब्लास्ट कोंटा–एराबोरे सड़क पर डोंद्रा गांव के पास तब हुआ जब वह पैदल गश्त पर थे, उससे पहले नक्सलियों ने एक JCB मशीन में आग लगाई थी। साथ में तीन अन्य अधिकारी और जवान भी घायल हुए हैं।

घटना की पृष्ठभूमि

ASP आकाश राव, जो 2013 से पुलिस सेवा में थे और 2019 में राष्ट्रपति द्वारा पुलिस गैलेंट्री मेडल भी प्राप्त कर चुके थे, 10 जून को बुलाए गए ‘भारत बंद’ को रोकने के लिए गश्त पर थे। इस इलाके में सुरक्षा बल सतर्कता बरत रहे थे, क्योंकि वहां नक्सली रुझान बढ़ रहे थे।
दबाव अनुभवी IED ब्लास्ट के कारण ASP गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें कोंटा अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन चिकित्सा के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। अन्य तीन घायल जवानों का इलाज जारी है।

ASP आकाश राव – बहादुरी और पहचान

आकाश राव गिरिपुंजे ने 2013 में एसपीएस के रूप में जुड़ने के बाद तेजी से सेवा में ऊँचाई हासिल की।
उन्होंने 2019 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से पुलिस गैलेंट्री मेडल प्राप्त कर बहादुरी का राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता पाई थी।
रायपुर में घोषित किए गए गिरफ्तारी अभियानों में वो नक्सल विरोधी रणनीतियों की अगुवाई करते हुए जाने जाते थे और उनकी शहादत छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए बहुत बड़ा आघात है।

स्थानीय एवं प्रशासनिक प्रतिक्रिया

बस्तर रेंज के IGP सुन्दरराज पट्टीलिंगम और छत्तीसगढ़ के उप-मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने घटना पर गहरा दुख जताया।
पुलिस का कहना है कि अब इलाके में तलाशी और सुरक्षा अभियान तेज कर दिया गया है ताकि इसके पीछे कौन जिम्मेदार है, उसका पता लगाया जा सके।

नक्सल हिंसा का खतरा: IED सबसे घातक औज़ार
पिछले वर्ष सुकमा में 6 दर्जन से अधिक विस्फोट हुए, जिनमें से अधिकांश IED थे, जिनमें से कई पुलिस एवं सीआरपीएफ जवानों को निशाना बना रहे थे।
 
सुकमा जिले में ASP आकाश राव गिरिपुंजे की शहादत से यह स्पष्ट हो गया है कि नक्सली इलाकों में सुरक्षा बलों के लिए खतरे अभी खत्म नहीं हुए हैं। हालांकि ऑपरेशन जारी है, यह घटना यह भी संकेत करती है कि नक्सली संघर्ष अभी दूर तक समाप्त नहीं हुआ है।
इंस्पेक्शन, गश्त और रणनीतिक कदमों के तहत पुलिस अब पूरी चौकसी के साथ आगे बढ़ रही है। ASP आकाश राव की बहादुरी और उनकी सेवा को सम्मान देने के लिए कई सरकारी स्तर की पहल होने वाली है।