
विदेश डेस्क, ऋषि राज |
गाज़ा पट्टी में इजरायली सेना का जमीनी अभियान और हवाई हमले लगातार जारी हैं। सेना आतंकी संगठन हमास का सफाया करने के लिए तेजी से कार्रवाई कर रही है। मंगलवार को हुए हमलों में कम से कम 31 लोग मारे गए, जिसके बाद मृतकों की संख्या 66 हजार से अधिक हो गई है। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से पेश की गई शांति योजना ने हमास पर दबाव और बढ़ा दिया है।
हमास पर दोहरी मार: शांति योजना या सफाया
ट्रंप की शांति योजना की प्रति हमास तक पहुंच चुकी है और वह इसकी समीक्षा कर रहा है। योजना को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिस तरह का समर्थन मिला है, उससे हमास पर इसे मानने का दबाव बढ़ गया है। ट्रंप ने साफ कहा है कि हमास को तीन-चार दिन के भीतर निर्णय लेना होगा। अगर संगठन इस योजना को स्वीकार नहीं करता तो उसका "दुखद अंत" तय है।
यह योजना मूलतः हमास को हथियार डालने और गाज़ा की सत्ता से बाहर होने के लिए कहती है। लेकिन हमास की ओर से पहले ही साफ कर दिया गया है कि स्वतंत्र फलस्तीन राष्ट्र की स्थापना से पहले वह हथियार नहीं छोड़ेगा। यही वजह है कि योजना पर सहमति बनना कठिन दिख रहा है।
अरब देशों का समर्थन और फलस्तीनियों की आशंका
ट्रंप ने दावा किया है कि कई अरब देशों ने इस शांति प्रस्ताव का समर्थन किया है। उनके अनुसार, यह योजना फलस्तीनियों के हित में है और क्षेत्र में शांति बहाल कर सकती है। लेकिन हमास से जुड़े सूत्रों का कहना है कि प्रस्ताव पूरी तरह इजरायल के पक्ष में है और इसमें हमास के लिए असंभव शर्तें रखी गई हैं। फलस्तीनी प्राधिकार के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि यह योजना फलस्तीनियों को कुछ नहीं देती, बल्कि इजरायल के हित साधने के लिए बनाई गई है।
बंदियों की अदला-बदली का प्रावधान
ट्रंप की योजना के तहत इजरायल में बंद 250 उम्रकैद पाए फलस्तीनी कैदियों को जीवित बंधकों के बदले रिहा किया जाएगा। इसके अलावा, 1,700 फलस्तीनी भी छोड़े जाएंगे जिन्हें सात अक्टूबर 2023 के बाद गिरफ्तार किया गया है। वहीं, एक मृत बंधक के बदले इजरायल 15 फलस्तीनियों के शव वापस करेगा। यह प्रावधान मानवीय दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, लेकिन हमास अभी भी हथियार डालने को तैयार नहीं है।
गाज़ा में इजरायल की सैन्य कार्रवाई
गाज़ा सिटी में इजरायली टैंक गहराई तक प्रवेश कर चुके हैं। मंगलवार को किए गए हवाई हमलों और जमीनी कार्रवाई में 31 लोगों की मौत हुई। गाज़ा युद्ध अब दो साल से चल रहा है और इस दौरान हजारों लोग मारे जा चुके हैं। इजरायली सेना का कहना है कि उनका लक्ष्य हमास की पूरी संरचना को नष्ट करना है ताकि गाज़ा से आतंकी खतरे को हमेशा के लिए खत्म किया जा सके।
गाज़ा की मौजूदा स्थिति बेहद गंभीर है। एक ओर इजरायली सेना हमास को खत्म करने पर तुली है, वहीं दूसरी ओर ट्रंप की शांति योजना ने हमास के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है। योजना को मानना भी हमास के लिए आत्मसमर्पण जैसा है और न मानना उसके अंत की ओर ले जाएगा। आने वाले कुछ दिन तय करेंगे कि गाज़ा में युद्ध और खूनखराबा बढ़ेगा या शांति की नई राह खुलेगी।