स्टेट डेस्क, आर्या कुमारी।
बिहार में तेजस्वी यादव ने एग्जिट पोल को मनोवैज्ञानिक दबाव का हथियार बताया है। उन्होंने महागठबंधन की जीत का दावा करते हुए कहा कि 18 नवंबर को नई सरकार शपथ लेगी। तेजस्वी का कहना है कि जनता का फैसला ईवीएम में बंद है और महागठबंधन की जीत तय है, जिससे बिहार की राजनीति में हलचल है।
दो चरणों में बिहार विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं और अब सबकी नजरें परिणाम पर टिकी हैं। दूसरे चरण की वोटिंग खत्म होते ही एग्जिट पोल्स ने एनडीए सरकार की वापसी के संकेत दिए, जिससे राज्य का राजनीतिक तापमान चढ़ गया है।
इसी माहौल के बीच महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इन सर्वेक्षणों को "मीडिया प्रॉपगेंडा" और "मनोवैज्ञानिक दबाव" बताया।
तेजस्वी ने कहा कि इस बार बिहार की जनता ने ऐतिहासिक बदलाव के लिए वोट किया है और 18 नवंबर को नई सरकार की शपथ तय है। उन्हें मिले फीडबैक के मुताबिक प्रतिक्रिया बेहद सकारात्मक है—1995 के चुनाव से भी बेहतर। जनता नीतीश सरकार से ऊब चुकी है और इस बार महागठबंधन की सरकार बनेगी।
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि एग्जिट पोल प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए लाए गए हैं, ताकि मतगणना अधिकारियों पर असर डाला जा सके। उन्होंने कहा, “जब लोग कतारों में वोट डाल रहे थे, तभी एग्जिट पोल दिखाए जाने लगे; ये लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है।”
तेजस्वी ने कहा, “इस बार बिहार में कलम वाली, नौकरी देने वाली सरकार बनेगी। हम पूरी तरह सतर्क हैं, और अगर कोई गड़बड़ी हुई तो जनता जवाब देगी।”
उन्होंने प्रशासनिक स्तर पर मतगणना प्रक्रिया को धीमा करने की साजिश का भी आरोप लगाया और कहा कि सेना से फ्लैग मार्च करवा कर लोगों में डर फैलाने की कोशिश की जा रही है।
तेजस्वी ने दावा किया कि इस बार 72 लाख ज्यादा वोट पड़े हैं, जो जनता के मूड को साफ दिखाता है। हर विधानसभा में मतदान बढ़ा है और यह वोट बदलाव के लिए पड़ा है। उन्होंने कहा, “14 तारीख को नतीजे आएंगे और 18 को नई सरकार शपथ लेगी; यह तय है।”







