Ad Image
Ad Image
टाइफून मातमो तूफान को लेकर चीन में ऑरेंज अलर्ट, सेना तैयार || हमास बंधकों को करेगा रिहा, राष्ट्रपति ट्रंप ने गाजा पर बमबारी रोकने को कहा || पहलगाम हमले के बाद पता चला कौन भारत का असली मित्र: मोहन भागवत || भारत के साथ व्यापार असंतुलन कम करने का अपने अधिकारियों को पुतिन का आदेश || मेक्सिको की राष्ट्रपति शीनबाम की इजरायल से अपील, हिरासत में लिए मेक्सिको के नागरिकों को जल्दी रिहा करें || शास्त्रीय गायक पद्मविभूषण छन्नूलाल मिश्र का मिर्जापुर में निधन, PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि || स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का कोई विकल्प नहीं: मोहन भागवत || अमित शाह ने कहा, देश अगले 31 मार्च तक नक्सलवादी लाल आतंक से मुक्त होगा || भारतीय क्रिकेट टीम ने जीता एशिया कप, PM समेत पूरे देश ने दी बधाई || तमिलनाडु: एक्टर विजय की रैली में भगदड़, 31 की मौत, 40 से ज्यादा घायल

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

2026 में आएगा पहला फोल्डेबल i-Phone, Touch ID और 4 कैमरों से लैस

विदेश डेस्क, मुस्कान कुमारी |

2026 में आएगा ऐपल का पहला फोल्डेबल iPhone, Touch ID और चार कैमरों से लैस....

ऐपल 2026 में अपना पहला फोल्डेबल iPhone पेश करने की तैयारी में है। इस डिवाइस का इंटरनल कोडनेम V68 बताया जा रहा है। फोन बुक-स्टाइल फोल्डिंग डिज़ाइन के साथ आएगा, जो खुलने पर टैबलेट जैसी बड़ी स्क्रीन देगा। खास बात यह है कि इसमें Touch ID की वापसी, चार कैमरों का सेटअप, केवल eSIM सपोर्ट और कंपनी का नया C2 मॉडेम शामिल होगा। शुरुआती टेस्टिंग में इसे ब्लैक और व्हाइट रंगों में देखा गया है। माना जा रहा है कि इसका उत्पादन 2026 की शुरुआत में शुरू होगा।

बुक-स्टाइल फोल्डिंग और इन-सेल डिस्प्ले टेक्नोलॉजी

यह iPhone डिजाइन के मामले में Samsung Galaxy Z Fold जैसा होगा। फोल्ड होने पर यह आम स्मार्टफोन जैसा दिखेगा, जबकि खुलने पर 7–8 इंच की स्क्रीन देगा, जो लगभग iPad Mini के बराबर होगी। इसमें इन-सेल टच टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा, जिससे टच सेंसर सीधे डिस्प्ले में इंटीग्रेट होंगे। इससे स्क्रीन पतली होगी, फोल्डिंग क्रीज़ कम दिखाई देगी और टच रिस्पॉन्स और भी बेहतर होगा।

फेस ID की जगह Touch ID

इस डिवाइस में Face ID की जगह Touch ID दिया जाएगा। दरअसल, फोल्डेबल स्क्रीन में फेस ID सेंसर फिट करना तकनीकी रूप से जटिल है। ऐसे में ऐपल साइड-माउंटेड पावर बटन में फिंगरप्रिंट स्कैनर दे सकता है या फिर इन-डिस्प्ले Touch ID पेश कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो यह ऐपल का पहला iPhone होगा जिसमें इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर होगा।

चार कैमरों का सेटअप

फोल्डेबल iPhone में कुल चार कैमरे होंगे। कवर स्क्रीन पर एक कैमरा सेल्फी और वीडियो कॉल के लिए रहेगा, जबकि अंदर की बड़ी स्क्रीन पर भी एक कैमरा होगा। बैक पैनल पर डुअल रियर कैमरे होंगे, जिनमें वाइड और अल्ट्रा-वाइड लेंस शामिल हो सकते हैं। कैमरा क्वालिटी और कम्प्यूटेशनल फोटोग्राफी में ऐपल पहले से ही मजबूत है, इसलिए कम रोशनी में भी बेहतर तस्वीरें और प्रो-लेवल वीडियो रिकॉर्डिंग की उम्मीद की जा सकती है।

फिजिकल सिम नहीं, केवल eSIM सपोर्ट

यह iPhone केवल eSIM पर काम करेगा, यानी इसमें फिजिकल सिम स्लॉट नहीं होगा। अमेरिका में ऐपल पहले ही अपने कई मॉडल्स में यह कदम उठा चुका है। हालांकि भारत जैसे देशों में, जहाँ अभी भी ज्यादातर लोग फिजिकल सिम इस्तेमाल करते हैं, यह बदलाव चुनौती बन सकता है।

नया C2 मॉडेम और तेज़ 5G

ऐपल इस फोन में अपने सेकंड-जेनरेशन C2 मॉडेम का इस्तेमाल करेगा। माना जा रहा है कि इसकी स्पीड Qualcomm Snapdragon मॉडेम्स के बराबर होगी। यह बेहतर पावर एफिशिएंसी और तेज़ 5G कनेक्टिविटी देगा। साथ ही, यह कदम ऐपल को Qualcomm पर निर्भरता कम करने में मदद करेगा।

लॉन्च टाइमलाइन और कलर ऑप्शन

रिपोर्ट्स के अनुसार, फोल्डेबल iPhone का प्रोडक्शन 2026 की शुरुआत में शुरू होगा और इसका लॉन्च उसी साल के मध्य या अंत में, संभवतः सितंबर में होने वाले ऐपल इवेंट पर हो सकता है। शुरुआती वेरिएंट ब्लैक और व्हाइट रंगों में आएगा, हालांकि बाद में और कलर ऑप्शन्स जोड़े जा सकते हैं।

बाजार पर संभावित असर

फोल्डेबल स्मार्टफोन सेगमेंट में अभी तक Samsung की मजबूत पकड़ है। ऐसे में ऐपल का पहला फोल्डेबल iPhone मार्केट में बड़ा बदलाव ला सकता है। जैसे iPod, iPhone और Apple Watch ने अपने समय में क्रांति लाई थी, वैसे ही यह डिवाइस भी नई कैटेगरी को लोकप्रिय बना सकता है।

चुनौतियाँ भी कम नहीं

फोल्डेबल डिवाइसेज़ की सबसे बड़ी दिक्कत उनकी कीमत और टिकाऊपन होती है। अनुमान है कि इस iPhone की कीमत 1500 से 2000 डॉलर (लगभग 1.25 से 1.65 लाख रुपये) तक हो सकती है। भारत जैसे मूल्य-संवेदनशील बाजारों में यह बड़ी चुनौती होगी। साथ ही, eSIM-only फीचर और हिन्ज की मजबूती को लेकर भी सवाल उठ सकते हैं।