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2026 में तमिलनाडु और बंगाल में NDA की सरकार बनेगी: अमित शाह

मदुरै, मुस्कान कुमारी |

2026 में तमिलनाडु और बंगाल में एनडीए की सरकार बनेगी: अमित शाह का दावा, स्टालिन बोले—"कोई शाह तमिलनाडु पर राज नहीं कर सकता"

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को मदुरै में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बड़ा राजनीतिक दावा किया कि 2026 के आगामी विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल—दोनों राज्यों में सरकार बनाएगा। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की जनता वर्तमान डीएमके सरकार से अब ऊब चुकी है और राज्य में बदलाव चाहती है।

मदुरै में आयोजित भाजपा के ‘कार्यकर्ता सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए शाह ने डीएमके सरकार को "100% विफल" बताया और मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार ने तमिलनाडु को ₹6.80 लाख करोड़ की आर्थिक सहायता दी है, फिर भी मुख्यमंत्री स्टालिन बार-बार यह सवाल उठाते हैं कि केंद्र ने राज्य के लिए क्या किया।

अमित शाह ने राज्य में भ्रष्टाचार को भी प्रमुख मुद्दा बनाते हुए तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन (TASMAC) में कथित अनियमितताओं का उल्लेख किया। उन्होंने आरोप लगाया कि यदि इन पैसों का सही उपयोग होता, तो राज्य के हर स्कूल में दो अतिरिक्त कक्षाएं बनाई जा सकती थीं। उन्होंने डीएमके सरकार को गरीबों, महिलाओं और बच्चों के साथ अन्याय करने वाली सरकार बताया और जोर दिया कि अब राज्य को ईमानदार और विकासोन्मुखी सरकार की आवश्यकता है।

शाह ने भाजपा और अन्नाद्रमुक के गठबंधन को तमिलनाडु के लिए उपयुक्त बताते हुए कार्यकर्ताओं से 2026 में इस गठबंधन की सरकार लाने का संकल्प लेने की अपील की। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी राज्य में आक्रामक चुनावी रणनीति अपनाने जा रही है। शाह की यह यात्रा तब हुई जब हाल ही में डीएमके ने मदुरै में अपनी महत्त्वपूर्ण महासभा का आयोजन किया था, जिसमें केंद्र सरकार और भाजपा के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए गए थे। इसी के जवाब में भाजपा ने यह शक्ति प्रदर्शन किया।

कार्यक्रम से पहले अमित शाह ने तमिलनाडु भाजपा की कोर कमिटी के साथ चुनावी तैयारियों की समीक्षा बैठक की और मीनाक्षी अम्मन मंदिर में पूजा-अर्चना भी की।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नैनार नागेन्द्रन ने भी सम्मेलन में बोलते हुए डीएमके सरकार को “विफल और अराजक” करार दिया। उन्होंने कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति और खासतौर पर पश्चिमी तमिलनाडु में वृद्धों की लक्षित हत्याओं को लेकर चिंता व्यक्त की। उनका कहना था कि भाजपा और अन्नाद्रमुक का गठबंधन राज्य के लिए सबसे बेहतर है और कार्यकर्ताओं को पूरे जोश के साथ काम करना चाहिए ताकि आगामी विधानसभा में अधिकतम सीटें हासिल की जा सकें।

भाजपा नेता के. अन्नामलाई ने भी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी का एकमात्र लक्ष्य है—डीएमके को सत्ता से बाहर करना। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से 2026 तक इस लक्ष्य को पाने का संकल्प लेने की अपील की।

भाजपा के इन बयानों और दावों पर डीएमके की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में पलटवार करते हुए कहा, "कोई भी शाह तमिलनाडु पर शासन नहीं कर सकता।" उन्होंने भाजपा पर तमिलनाडु के क्षेत्रीय स्वाभिमान और सामाजिक न्याय की भावना को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य की जनता एक बार फिर डीएमके गठबंधन को ही सत्ता में लाएगी।

स्टालिन ने भाजपा-अन्नाद्रमुक गठबंधन को “पराजय का गठबंधन” करार दिया और दावा किया कि जनता पहले ही इस गठजोड़ को नकार चुकी है। उन्होंने केंद्र सरकार पर राज्य के साथ भेदभाव का आरोप दोहराया और कहा कि डीएमके सरकार लगातार जनता के मुद्दों को मजबूती से उठाती रहेगी।

यह राजनीतिक बयानबाजी राज्य की चुनावी राजनीति को काफी गर्म करती दिख रही है। शाह की यह दो महीने में तमिलनाडु की दूसरी यात्रा है, जिससे स्पष्ट है कि भाजपा राज्य में अपनी पैठ मजबूत करने के लिए सक्रिय हो चुकी है। दूसरी ओर, डीएमके भी पूरी ताकत से मैदान में डटी हुई है और अपने सामाजिक न्याय एवं क्षेत्रीय स्वाभिमान के एजेंडे के साथ भाजपा के हमलों का जवाब दे रही है।

2026 के चुनावों में किसकी जीत होगी, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन फिलहाल राज्य की राजनीति पूरी तरह चुनावी मोड में जाती नजर आ रही है।