Ad Image
Ad Image
दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराधियों के लिए चलाया साईं हॉक अभियान, 48 घंटे में 800 गिरफ्तार || झारखंड की मंत्री दीपिका पाण्डेय का EC पर हमला, SIR के कारण हारा महागठबंधन || पूर्वी चंपारण के रक्सौल में VIP पार्टी के अनुमंडल प्रमुख की गोली मार हत्या || राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन से शांति समझौते के प्रस्ताव को जल्दी स्वीकार करने का आग्रह किया || ईरान पर अमेरिका की सख्ती, आज नए प्रतिबंधों का किया ऐलान || BJP को 90 पर लीड, JDU को 80 पर लीड, महागठबंधन फेल || नीतीश कुमार CM हैं और आगे भी रहेंगे: जेडीयू की प्रतिक्रिया || NDA को शानदार बढ़त, 198 पर लीड जबकि महागठबंधन को 45 पर लीड || तुर्की : सैन्य विमान दुर्घटना में मृत सभी 20 सैनिकों के शव बरामद || RJD के एम एल सी सुनील सिंह का भड़काऊ बयान, DGP के आदेश पर FIR

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

4 साल बाद दिसंबर में पुतिन का भारत दौरा, रिश्तों में नई ऊर्जा की उम्मीद

विदेश डेस्क, ऋषि राज |

दिसंबर में चार साल बाद पुतिन भारत दौरे पर, रिश्तों में नई ऊर्जा की उम्मीद.....

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस साल दिसंबर की शुरुआत में भारत दौरे पर आने वाले हैं। यह यात्रा खास इसलिए मानी जा रही है क्योंकि पुतिन लगभग चार साल बाद भारत आ रहे हैं। उनका पिछला भारत दौरा दिसंबर 2021 में हुआ था, जब उन्होंने नई दिल्ली में भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया था। उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन के बीच 21वीं द्विपक्षीय शिखर वार्ता हुई थी।

इस बार दिसंबर 2025 में होने वाला शिखर सम्मेलन दोनों देशों के बीच 23वीं द्विपक्षीय शिखर वार्ता होगी। पुतिन का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब वैश्विक भू-राजनीतिक हालात लगातार बदल रहे हैं और भारत-रूस संबंधों पर दुनिया की नज़रें टिकी हुई हैं।

क्रेमलिन की पुष्टि

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं। उन्होंने बताया, “वह भारत में होंगे। सचमुच, हम तैयारी कर रहे हैं और यह इस साल के अंत से पहले ही होगा।”

पेस्कोव ने कहा कि भारत और रूस के बीच गहरे और विशेष रिश्ते हैं। रूस भारत को हमेशा एक भरोसेमंद मित्र और रणनीतिक साझेदार मानता है। यही वजह है कि इस शिखर सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण समझौतों की उम्मीद की जा रही है।

रिश्तों का ऐतिहासिक महत्व

भारत और रूस के रिश्ते दशकों पुराने और बहुआयामी हैं। रक्षा, ऊर्जा, विज्ञान-प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष और व्यापार जैसे कई क्षेत्रों में दोनों देशों का सहयोग रहा है। रूस भारत का सबसे बड़ा रक्षा साझेदार रहा है और भारत की सेना के बड़े हिस्से में रूसी हथियारों और तकनीक का इस्तेमाल होता है।

पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक राजनीति में आए बदलावों के बीच भारत और रूस के रिश्तों को लेकर नई चुनौतियाँ और अवसर दोनों सामने आए हैं। अमेरिका और पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद भारत और रूस के बीच तेल और ऊर्जा व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। भारत ने रूस से रियायती दरों पर कच्चा तेल खरीदकर अपनी ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत किया है।

पुतिन के इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। इनमें प्रमुख हैं:

1. ऊर्जा सहयोग – भारत के लिए रूस एक बड़ा ऊर्जा आपूर्तिकर्ता बन चुका है। दोनों देश कच्चे तेल, गैस और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग को और आगे बढ़ा सकते हैं।

2. रक्षा समझौते – भारत अपनी रक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए रूस के साथ नए करार कर सकता है। पहले ही एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम जैसी डील्स चल रही हैं।

3. वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा – यूक्रेन युद्ध, पश्चिम एशिया में हालिया तनाव और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा हालात जैसे मुद्दों पर भी विचार-विमर्श की संभावना है।

4. आर्थिक सहयोग – द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने और भुगतान प्रणालियों को आसान बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

भारत की भूमिका

भारत और रूस के बीच यह शिखर वार्ता इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत इस समय वैश्विक संतुलनकारी शक्ति की भूमिका निभा रहा है। एक तरफ भारत अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ संबंधों को मजबूत कर रहा है, वहीं दूसरी ओर रूस के साथ अपने पुराने भरोसेमंद रिश्तों को भी बरकरार रखे हुए है।

भारत का यह रुख दोनों देशों को एक साझा मंच देता है, जहाँ आर्थिक, सुरक्षा और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाया जा सके।

व्लादिमीर पुतिन का यह भारत दौरा केवल एक औपचारिक यात्रा नहीं होगा, बल्कि इससे भारत-रूस रिश्तों में नई ऊर्जा का संचार होने की उम्मीद है। चार साल बाद होने वाली यह मुलाकात कई अहम समझौतों का आधार बनेगी और बदलते वैश्विक परिदृश्य में दोनों देशों के रिश्तों को नई दिशा देगी। भारत और रूस का यह संबंध केवल रणनीतिक ही नहीं, बल्कि ऐतिहासिक भरोसे और मित्रता पर आधारित है। ऐसे में दिसंबर में होने वाली यह यात्रा दोनों देशों के लिए बेहद अहम मानी जा रही है।