क्राइम डेस्क - प्रीति पायल
दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ एक ऐतिहासिक कार्रवाई को अंजाम दिया है। 'साइबर हॉक' या 'CYHAWK' नाम से चलाए गए इस ऑपरेशन में महज 48 घंटों के भीतर 700 से अधिक संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया। विभिन्न सूत्रों के अनुसार, यह संख्या 877 तक पहुंच गई है।
यह विशेष अभियान 19-20 नवंबर से शुरू होकर 21 नवंबर 2025 तक चला। इसका मुख्य लक्ष्य फर्जी कॉल सेंटर संचालकों, निवेश धोखाधड़ी करने वाले गिरोहों, फिशिंग स्कैम, KYC फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट (पीड़ितों को गिरफ्तारी का भय दिखाकर पैसे लूटना) जैसे अपराधों पर शिकंजा कसना था। यह अभियान अभी भी जारी है और आगे भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
गिरफ्तार किए गए अपराधी सिर्फ दिल्ली-एनसीआर तक सीमित नहीं थे, बल्कि पूरे देश में फैले इस साइबर क्राइम नेटवर्क का हिस्सा थे। यह सफलता जिला पुलिस टीमों, क्राइम ब्रांच, स्पेशल सेल की IFSO (इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस) यूनिट और साइबर सेल की सामूहिक मेहनत का नतीजा है।
प्रारंभिक जांच में 1000 करोड़ रुपये से अधिक के संदिग्ध लेन-देन का पता चला है। अपराधियों ने फर्जी कॉल सेंटर चलाए, निवेश योजनाओं में फंसाया, फिशिंग और KYC के नाम पर ठगी की, और खुद को पुलिस या TRAI अधिकारी बताकर लोगों को ब्लैकमेल किया। जब्त किए गए डिवाइसों की फॉरेंसिक जांच के बाद यह राशि और बढ़ सकती है।
छापेमारी में सैकड़ों हाई-टेक लैपटॉप, हजारों स्मार्टफोन, हजारों फर्जी सिम कार्ड, चेकबुक और बैंक खाते की जानकारी बरामद की गई। ये सबूत दिल्ली के काकरोला, उत्तम नगर जैसे इलाकों के गुप्त ठिकानों से मिले, जहां करोड़ों के लेन-देन के डिजिटल रिकॉर्ड मिले हैं।
दिल्ली पुलिस के जॉइंट कमिश्नर (IFSO) रजनीश गुप्ता ने बताया कि साइबर क्राइम की शिकायतों के आधार पर यह ऑपरेशन शुरू किया गया था। शुक्रवार सुबह 9 बजे तक 877 गिरफ्तारियां दर्ज की गई थीं। वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि यह देशव्यापी नेटवर्क था और इसे पूरी तरह खत्म किया जाएगा।
यह कार्रवाई साइबर अपराधियों के हौसले पस्त करेगी और पीड़ितों को न्याय दिलाने में मदद करेगी। पुलिस ने पीड़ितों से साइबर सेल से संपर्क करने की अपील की है। पूछताछ अभी जारी है और नए गिरोहों का पता लगने पर और छापेमारी की जा सकती है। सोशल मीडिया पर भी इस कार्रवाई की सराहना हो रही है।







