नेशनल डेस्क, नीतीश कुमार।
मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी गई है। केंद्र सरकार के 1 करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लंबे समय से इसका इंतजार था। हालांकि आयोग का गठन होने का मतलब यह नहीं है कि अगले महीने से सैलरी बढ़ जाएगी।
8वें वेतन आयोग को अपनी सिफारिशें देने के लिए 18 महीने का समय दिया गया है। इसके बाद केंद्र सरकार इन सिफारिशों को मंजूरी देगी, जिसके बाद ही कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा।
2026 या 2027 में मिलेगी बढ़ी सैलरी?
इसे समझने के लिए पिछले वेतन आयोग के उदाहरण को देखना होगा। 7वां वेतन आयोग फरवरी 2014 में गठित हुआ था और 18 महीने बाद अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। उस समय संशोधित वेतन जुलाई 2016 से लागू किया गया था, जबकि बकाया राशि की गणना 1 जनवरी 2016 से की गई थी।
8वें वेतन आयोग के गठन में 7वें आयोग की तुलना में देरी हुई है। इसका गठन अक्टूबर 2025 में हुआ है और रिपोर्ट सौंपने में 18 महीने लगेंगे। इस हिसाब से आयोग 2027 में अपनी रिपोर्ट देगा। केंद्र की मंजूरी में भी 3 से 9 महीने का समय लग सकता है। हालांकि राहत की बात यह है कि इसके लागू होने के बाद कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 1 जनवरी 2026 से बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा।
कितनी बढ़ेगी सैलरी?
7वें वेतन आयोग में सैलरी और पेंशन बढ़ाने के लिए 2.57 के फिटमेंट फैक्टर का इस्तेमाल किया गया था, यानी बेसिक सैलरी और पेंशन को 2.57 से गुणा किया गया था। लेकिन वेतन आयोग लागू होते ही महंगाई भत्ता और राहत शून्य हो जाने के कारण प्रभावी बढ़ोतरी 23.5% रही थी।
8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर कितना होगा, यह सिफारिशें लागू होने के बाद ही तय होगा। माना जा रहा है कि इस बार फिटमेंट फैक्टर 3 गुना तक हो सकता है। हालांकि हमेशा की तरह, वेतन आयोग लागू होने के बाद डीए और डीआर शून्य हो जाएंगे। सैलरी में कितनी वृद्धि होगी, यह पद और ग्रेड-पे के आधार पर सिफारिशें आने के बाद ही स्पष्ट होगा।







