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BJP नेता के बेटे ने कर्ज से बचने के लिए रची ‘झूठी मौत’ की कहानी

राष्ट्रीय डेस्क, आर्या कुमारी |

मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। कुछ दिन पहले बीजेपी नेता महेश सोनी के बेटे विशाल सोनी की तलाश में कालीसिंध नदी में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था।

जांच आगे बढ़ने के साथ ही यह घटना धोखाधड़ी का रूप लेती गई। जानकारी के अनुसार, विशाल सोनी पर 1.40 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था। इस कर्ज से छुटकारा पाने के लिए उसने खुद की मौत का नाटक रचा। पिछले 10 दिनों से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी, लेकिन वह महाराष्ट्र में छिपा हुआ मिला।

बॉडी न मिलने पर पुलिस ने बदला एंगल

8 दिन तक शव न मिलने पर पुलिस ने नए सिरे से जांच की। सीडीआर निकालने पर युवक महाराष्ट्र में जिंदा पाया गया। थाना प्रभारी आकांक्षा हाड़ा ने बताया, “5 सितंबर को सुबह पुलिस को सूचना मिली कि एक कार नदी में तैर रही है, कोई गिर गया है। टीम गोताखोरों के साथ पहुंची और कार को बाहर निकाला। क्रेन की मदद ली गई और एसडीआरएफ को भी बुलाया गया।”

कैसे खुला राज़

पहले तीन दिन तक कोई सफलता नहीं मिली। इस दौरान पिता महेश सोनी ने आरोप लगाया कि प्रशासन पूरी तरह से मदद नहीं कर रहा। उसके बाद खोज और तेज हुई। अलग-अलग तीन टीमों ने एक किलोमीटर तक नदी का इलाका छाना, लेकिन शव नहीं मिला। तब पुलिस ने अपहरण की आशंका भी जताई। लेकिन महाराष्ट्र पुलिस की मदद से युवक को संभाजीनगर जिले के फर्दापुर क्षेत्र से बरामद किया गया और सच्चाई सामने आई।

पूछताछ में कबूला सच

पूछताछ के दौरान विशाल ने बताया कि उसके पास 6 ट्रक और दो पब्लिक व्हीकल हैं, जिन पर 1.40 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है। किश्तें भरना संभव नहीं था। परिवारवालों ने सुझाव दिया कि यदि मृत्यु प्रमाणपत्र मिल जाए तो बैंक का कर्ज माफ हो सकता है। इस योजना की जानकारी पिता को भी थी। इसी के चलते 5 सितंबर को वह ट्रक से किराया लेकर नदी किनारे आया, कार को चलती हालत में धकेलकर खुद बस में बैठकर निकल गया।

कैसे गिराई कार नदी में

बिना रेलिंग वाले पुल से कार सीधे नदी में जा गिरी और वह इंदौर जाने वाली बस पकड़कर निकल गया। अगले दिन खबरें देखकर वह महाराष्ट्र चला गया और शिरडी, शिगनापुर में घूमता रहा। इधर रेस्क्यू टीम और ग्रामीण दिन-रात नदी में तलाश करते रहे। बाद में पिता से साजिश के खुलासे की जानकारी मिलने पर वह कपड़े फाड़कर, धूल में लोटकर नई कहानी गढ़ता हुआ फर्दापुर थाने में आत्मसमर्पण कर दिया।