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BRICS: शी जिनपिंग और पुतिन की गैरमौजूदगी, ईरान भी राष्ट्रपति के बिना

विदेश डेस्क, नीतीश कुमार |

BRICS समिट से नदारद शी जिनपिंग, पुतिन होंगे वर्चुअल, ईरानी राष्ट्रपति भी नहीं पहुंचे

ब्राजील में आज से शुरू हो रही BRICS देशों की बैठक में 11 सदस्य राष्ट्रों के नेता हिस्सा ले रहे हैं, लेकिन कुछ प्रमुख चेहरे इस बार अनुपस्थित हैं। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, जो 2013 से हर BRICS सम्मेलन में भाग लेते रहे हैं, इस बार मौजूद नहीं हैं। यह पहला मौका है जब वे समिट से गायब हैं। उनकी जगह चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

शी जिनपिंग ने बीते वर्षों में BRICS को पश्चिमी देशों के प्रभुत्व के मुकाबले एक वैकल्पिक मंच के रूप में खड़ा करने की कोशिश की है। विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान में चीन गंभीर आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है, और शी जिनपिंग आने वाले महत्वपूर्ण राजनीतिक सम्मेलन की तैयारी में व्यस्त हैं। हॉन्ग कॉन्ग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ब्रायन वोंग के अनुसार, उनकी अनुपस्थिति को BRICS के प्रति उपेक्षा के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।

ब्राजील-चीन संबंधों पर असर नहीं;
शी जिनपिंग का नहीं आना ब्राजील के लिए कोई असामान्य बात नहीं है। पिछले साल नवंबर में उन्होंने G-20 समिट और राजकीय दौरे के तहत ब्राजील की यात्रा की थी, जहां कई द्विपक्षीय समझौते हुए। इसके अलावा ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा भी बीते मई में बीजिंग पहुंचे थे। इससे दोनों देशों के मजबूत संबंधों की पुष्टि होती है।

पुतिन वर्चुअल माध्यम से होंगे शामिल;
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी ब्राजील नहीं आएंगे और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सम्मेलन में भाग लेंगे। उन्होंने पिछले वर्ष साउथ अफ्रीका में हुई BRICS बैठक में भी वर्चुअल रूप से ही भाग लिया था। चूंकि ब्राजील इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) का सदस्य है, और पुतिन पर युद्ध अपराधों के आरोप हैं, इसलिए कानूनी बाध्यताओं के चलते उनका व्यक्तिगत रूप से आना संभव नहीं था।

ईरानी राष्ट्रपति की अनुपस्थिति;
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजशकियान भी इस बैठक में शामिल नहीं हुए हैं। उनकी जगह विदेश मंत्री अब्बास अराघची BRICS समिट में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। हाल ही में इजराइल के साथ हुई टकराव और उसके बाद की स्थिति को संभालने के लिए राष्ट्रपति पजशकियान ने देश में ही रहना बेहतर समझा। बता दें, ईरान BRICS का नया सदस्य है और 2024 में इस संगठन में शामिल हुआ है।