Ad Image
Ad Image
दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराधियों के लिए चलाया साईं हॉक अभियान, 48 घंटे में 800 गिरफ्तार || झारखंड की मंत्री दीपिका पाण्डेय का EC पर हमला, SIR के कारण हारा महागठबंधन || पूर्वी चंपारण के रक्सौल में VIP पार्टी के अनुमंडल प्रमुख की गोली मार हत्या || राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन से शांति समझौते के प्रस्ताव को जल्दी स्वीकार करने का आग्रह किया || ईरान पर अमेरिका की सख्ती, आज नए प्रतिबंधों का किया ऐलान || BJP को 90 पर लीड, JDU को 80 पर लीड, महागठबंधन फेल || नीतीश कुमार CM हैं और आगे भी रहेंगे: जेडीयू की प्रतिक्रिया || NDA को शानदार बढ़त, 198 पर लीड जबकि महागठबंधन को 45 पर लीड || तुर्की : सैन्य विमान दुर्घटना में मृत सभी 20 सैनिकों के शव बरामद || RJD के एम एल सी सुनील सिंह का भड़काऊ बयान, DGP के आदेश पर FIR

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

BSF जवानों को गंदी ट्रेन देने पर रेल मंत्री सख्त, 4 अधिकारी निलंबित

त्रिपुरा, श्रेयांश पराशर |
त्रिपुरा से ड्यूटी पर भेजे जा रहे BSF जवानों को बेहद जर्जर और गंदे डिब्बों वाली ट्रेन में यात्रा कराए जाने पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सख्त कार्रवाई की है। घटना पर नाराज़गी जताते हुए उन्होंने चार अधिकारियों को निलंबित कर जांच के आदेश दिए हैं।
त्रिपुरा से देश की सुरक्षा में तैनात होने जा रहे BSF (सीमा सुरक्षा बल) के जवानों को जिस ट्रेन में भेजा गया, उसकी हालत इतनी खराब थी कि सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वीडियो वायरल होने लगे। ट्रेन के डिब्बे न केवल जर्जर थे, बल्कि साफ-सफाई का भी नामोनिशान नहीं था। जवानों को गंदगी और असुविधा के बीच लंबी यात्रा करनी पड़ी, जिससे आम जनता और पूर्व सैनिकों के बीच रोष फैल गया।

जैसे ही मामला रेल मंत्रालय तक पहुंचा, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार जिम्मेदार अधिकारियों को निलंबित कर दिया। साथ ही उन्होंने मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही दोबारा न हो। रेल मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सुरक्षा बलों के साथ इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

रेलवे मंत्रालय के मुताबिक, यह एक गंभीर प्रशासनिक चूक है, जिसे किसी भी सूरत में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अधिकारियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे न केवल आम यात्रियों बल्कि सुरक्षाबलों के लिए भी सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित करें।

इस घटना ने रेलवे की व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं BSF के जवानों के सम्मान और सुविधा को लेकर सरकार की संवेदनशीलता को भी दर्शाया है। अब यह देखना होगा कि जांच के बाद क्या ठोस सुधारात्मक कदम उठाए जाते हैं।

यह मामला न सिर्फ एक ट्रेन यात्रा से जुड़ा है, बल्कि यह उस सोच और जिम्मेदारी का भी सवाल है जो हमारे सुरक्षाकर्मियों के प्रति होनी चाहिए।