CM नीतीश: होमगार्डों का ड्यूटी भत्ता ₹1,121 प्रतिदिन, ग्राम कचहरी सचिवों का मानदेय ₹9,000

स्टेट डेस्क, वेरोनिका राय |
नीतीश सरकार का बड़ा फैसला: होमगार्डों का ड्यूटी भत्ता ₹1,121 प्रतिदिन, ग्राम कचहरी सचिवों का मानदेय ₹9,000
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने होमगार्डों और ग्राम कचहरी सचिवों को बड़ी सौगात दी है। मंगलवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में कई अहम फैसले लिए गए, जिनमें सबसे प्रमुख होमगार्डों के ड्यूटी भत्ते और ग्राम कचहरी सचिवों के मानदेय में बढ़ोतरी है।
होमगार्डों का भत्ता बढ़ा
बिहार गृह रक्षा वाहिनी के होमगार्ड अब पहले की तुलना में अधिक भत्ता पाएंगे। पहले इन्हें प्रतिदिन ₹774 मिलते थे, जिसे बढ़ाकर अब ₹1,121 कर दिया गया है। यह बढ़ोतरी पुलिस बल के न्यूनतम दैनिक वेतन के बराबर है। इससे राज्य के हजारों होमगार्ड लाभान्वित होंगे। सरकार का कहना है कि इस फैसले से होमगार्डों का मनोबल बढ़ेगा और वे अपनी ड्यूटी और अधिक जिम्मेदारी से निभा सकेंगे।
ग्राम कचहरी सचिवों का मानदेय भी बढ़ा
ग्राम कचहरी सचिवों का मासिक मानदेय भी बढ़ाकर अब ₹9,000 कर दिया गया है। पहले यह मानदेय इससे काफी कम था। पंचायत स्तर पर न्याय और प्रशासनिक कार्यों में अहम भूमिका निभाने वाले इन सचिवों के लिए यह फैसला बड़ी राहत साबित होगा।
कैबिनेट की बैठक में 48 प्रस्तावों को मंजूरी
सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई इस कैबिनेट बैठक में कुल 48 प्रस्तावों पर मुहर लगी। इन प्रस्तावों में कई विकास योजनाएं और विभिन्न विभागों से जुड़े अहम निर्णय शामिल हैं। लेकिन होमगार्डों और ग्राम कचहरी सचिवों से जुड़ा फैसला सबसे बड़ा और चर्चित रहा।
चुनावी मौसम में बड़ा तोहफा
बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में यह कदम राजनीतिक रूप से भी अहम माना जा रहा है। होमगार्ड और ग्राम कचहरी सचिव जैसे कर्मचारी सीधे जनता से जुड़े रहते हैं। इनका मानदेय और भत्ता बढ़ाने से सरकार को जमीनी स्तर पर फायदा मिलने की संभावना जताई जा रही है।
सरकार का कहना है कि ये फैसले केवल चुनाव को देखते हुए नहीं बल्कि लंबे समय से उठ रही मांगों को पूरा करने के लिए लिए गए हैं। होमगार्डों का भत्ता बढ़ाने से उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी और वे अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभा पाएंगे। वहीं ग्राम कचहरी सचिवों को बढ़े हुए मानदेय से पंचायत स्तर पर न्यायिक और प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी।
फैसले की घोषणा के बाद होमगार्ड और ग्राम कचहरी सचिव वर्ग में खुशी की लहर है। उनका कहना है कि लंबे समय से वे वेतन और भत्ते में बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे, जिसे अब सरकार ने पूरा कर दिया है।
नीतीश सरकार के इस कदम से एक ओर जहां कर्मचारियों को आर्थिक राहत मिलेगी, वहीं सरकार को भी राजनीतिक फायदा होने की उम्मीद है। अब देखना होगा कि इस फैसले का असर आगामी विधानसभा चुनावों में कितना दिखाई देता है।