Ad Image
Ad Image
दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराधियों के लिए चलाया साईं हॉक अभियान, 48 घंटे में 800 गिरफ्तार || झारखंड की मंत्री दीपिका पाण्डेय का EC पर हमला, SIR के कारण हारा महागठबंधन || पूर्वी चंपारण के रक्सौल में VIP पार्टी के अनुमंडल प्रमुख की गोली मार हत्या || राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन से शांति समझौते के प्रस्ताव को जल्दी स्वीकार करने का आग्रह किया || ईरान पर अमेरिका की सख्ती, आज नए प्रतिबंधों का किया ऐलान || BJP को 90 पर लीड, JDU को 80 पर लीड, महागठबंधन फेल || नीतीश कुमार CM हैं और आगे भी रहेंगे: जेडीयू की प्रतिक्रिया || NDA को शानदार बढ़त, 198 पर लीड जबकि महागठबंधन को 45 पर लीड || तुर्की : सैन्य विमान दुर्घटना में मृत सभी 20 सैनिकों के शव बरामद || RJD के एम एल सी सुनील सिंह का भड़काऊ बयान, DGP के आदेश पर FIR

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

DIG ने पत्रकारों को दिलाया निष्पक्ष जांच का भरोसा

लोकल डेस्क |

श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर डीआईजी ने सभी मामलों की गंभीर समीक्षा का आश्वासन दिया। संजीव जायसवाल, नीरज कुमार और सागर सूरज पर दर्ज कथित झूठे मामलों को लेकर चर्चा हुई।

बेतिया: पूर्वी चंपारण में पत्रकारों पर दर्ज कथित झूठे मुकदमों को लेकर बढ़ते आक्रोश ने आखिरकार प्रशासन का ध्यान खींचा। पत्रकारों की आवाज़ सरकार और पुलिस के शीर्ष स्तर तक पहुंची और अब इसे गंभीरता से लिया जा रहा है। चंपारण परिक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक हर किशोर राय ने व्यक्तिगत रूप से इस मुद्दे को सुना और निष्पक्ष जांच का भरोसा देकर पत्रकारों के बीच नई उम्मीद जगाई है।

यह मुलाकात 24 सितंबर को बेतिया में हुई, जब भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल डीआईजी से मिला। संघ के संस्थापक शाहनवाज हसन के नेतृत्व में पहुंचे इस दल में प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार, वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्र झा और शिवप्रसाद तिवारी शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने विस्तृत ज्ञापन सौंपकर पत्रकारों पर दर्ज मामलों को निराधार बताया और तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की।

ज्ञापन में बताया गया कि पत्रकार संजीव जायसवाल के खिलाफ घोड़ासहन थाने में एससी/एसटी एक्ट और रंगदारी का मामला बेबुनियाद दर्ज किया गया है। उनके खिलाफ अपराधियों की तरह इश्तेहार जारी करने को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया गया। इसी तरह वरिष्ठ पत्रकार सागर सूरज पर डुमरिया घाट थाने में दर्ज मुकदमा भी मनगढ़ंत करार दिया गया।

प्रतिनिधिमंडल ने विशेष रूप से पत्रकार नीरज कुमार का मामला उठाया, जिन्हें 2021 में हत्या के आरोप में जेल भेजा गया था। संघ ने बताया कि इस मामले में पूर्व में मुख्य सचिव और डीजीपी को आवेदन दिया गया था और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी जांच के आदेश दिए थे, फिर भी थाना और जिला स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

डीआईजी हर किशोर राय ने सभी बिंदुओं को गंभीरता से सुना और कहा कि सभी प्रकरणों की समीक्षा निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि किसी निर्दोष पत्रकार को प्रताड़ित नहीं होने दिया जाएगा और जांच न्यायपूर्ण होगी।

पत्रकार समुदाय ने डीआईजी के इस रुख का स्वागत किया और कहा कि यह लोकतंत्र में प्रेस की स्वतंत्रता के लिए महत्वपूर्ण कदम है। पत्रकारों का मानना है कि इस हस्तक्षेप से झूठे मुकदमों का सिलसिला रुकेगा और भविष्य में पत्रकारों पर होने वाले दबाव और उत्पीड़न पर लगाम लगेगी।