
नेशनल डेस्क, वेरोनिका राय |
दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ (DUSU) चुनाव 2025 के नतीजे आ गए हैं और इस बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) बाजी मारने में सफल रहा है। ABVP ने चार में से तीन पदों पर जीत दर्ज कर अपना दबदबा कायम रखा। वहीं कांग्रेस से जुड़ा छात्र संगठन भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) केवल उपाध्यक्ष पद पर ही जीत हासिल कर पाया।
गुरुवार को हुए मतदान में 39.45 प्रतिशत वोटिंग हुई थी और शुक्रवार (19 सितंबर) को नतीजों की घोषणा की गई।
ABVP का शानदार प्रदर्शन
इस बार ABVP ने अध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव के पदों पर जीत दर्ज की।
- अध्यक्ष – आर्यन मान (ABVP) को 28,841 वोट मिले।
- सचिव – कुणाल चौधरी (ABVP) को 23,779 वोट मिले।
- संयुक्त सचिव – दीपिका झा (ABVP) ने 21,825 वोटों से जीत दर्ज की।
दिलचस्प बात यह रही कि तीनों उम्मीदवार पहले राउंड से ही रुझानों में आगे चल रहे थे। उपाध्यक्ष पद पर ABVP के गोविंद तंवर को हार का सामना करना पड़ा।
जीत के बाद दीपिका झा ने कहा, “मैं बिहार से यहां पढ़ाई करने आई थी और कड़ी मेहनत की। दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों ने मेरे संघर्ष को समझा और मुझे 4,000 वोटों के अंतर से जिताया। मैं हर छात्र का धन्यवाद करती हूं।”
NSUI की हार और बड़ी जीत
NSUI को इस बार पिछले साल की तुलना में झटका लगा। 2024 में NSUI ने अध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद जीते थे, लेकिन इस बार संगठन केवल उपाध्यक्ष पद ही अपने नाम कर पाया।
- उपाध्यक्ष – राहुल यादव झांसल (NSUI) को सबसे ज्यादा 29,339 वोट मिले।
- अध्यक्ष – जोसलिन नंदिता चौधरी को 12,645 वोट मिले और वे हार गईं।
- सचिव – कबीर को 16,177 वोट मिले।
- संयुक्त सचिव – लवकुश भड़ाना को 17,380 वोट मिले।
NSUI के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “NSUI ने इस असमान चुनाव में भी अच्छी लड़ाई लड़ी। हमने न केवल ABVP बल्कि DU प्रशासन, दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार, RSS-BJP और दिल्ली पुलिस की संयुक्त ताकत के खिलाफ चुनाव लड़ा। हमारे उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार को सबसे ज्यादा वोट मिले, यह छात्रों के विश्वास की जीत है। संघर्ष आगे भी जारी रहेगा।”
वामपंथी संगठनों का प्रदर्शन
एसएफआई-आइसा गठबंधन को इस बार भी खास सफलता नहीं मिली।
- अध्यक्ष पद – गठबंधन उम्मीदवार को 5,385 वोट।
- उपाध्यक्ष पद – 4,163 वोट।
- सचिव पद – 9,535 वोट।
- संयुक्त सचिव पद – 8,425 वोट।
2024 के नतीजों से तुलना
2024 में NSUI ने अध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद अपने नाम किए थे। उस समय रौनक खत्री अध्यक्ष और लोकेश चौधरी संयुक्त सचिव चुने गए थे। वहीं ABVP के भानु प्रताप ने उपाध्यक्ष और मित्रविंदा करणवाल ने सचिव पद पर जीत दर्ज की थी। इस बार के नतीजे ABVP के लिए बड़ा मनोबल बढ़ाने वाले हैं क्योंकि संगठन ने 2024 की हार से वापसी की है।
इस बार के DUSU चुनाव के नतीजों ने साफ कर दिया कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में ABVP का प्रभाव अभी भी मजबूत है। हालांकि उपाध्यक्ष पद पर NSUI की जीत दिखाती है कि कैंपस राजनीति में विपक्ष भी मजबूती से खड़ा है। कुल मिलाकर 2025 के चुनाव ने एक बार फिर ABVP को बढ़त दी है और आने वाले दिनों में छात्र राजनीति और भी रोचक होने की संभावना है।