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ESIC का सख्त फैसला: कर्मचारी पंजीकरण न कराने पर 5000/- जुर्माना

नेशनल डेस्क, प्रीति पायल |

श्रम सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) ने उन नियोक्ताओं के विरुद्ध सख्त रुख अपनाया है जो अपने कर्मचारियों का पंजीकरण नहीं कराते। यह नीति मुख्यतः दो नई योजनाओं - SPREE 2025 और Amnesty Scheme 2025 - के माध्यम से लागू की जा रही है।

कर्मचारी राज्य बीमा निगम, जो श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अधीन कार्यरत है, Employees' State Insurance Act 1948 के तहत संचालित होता है। यह संस्था संगठित क्षेत्र के श्रमिकों को चिकित्सा सुविधा, मातृत्व लाभ, अपंगता भत्ता, बेरोजगारी भत्ता तथा पारिवारिक चिकित्सा कवरेज प्रदान करती है।

जिन प्रतिष्ठानों में 10 या अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं (कुछ राज्यों में 20), और जहां कर्मचारियों का मासिक वेतन ₹21,000 से कम है (विकलांग व्यक्तियों के लिए ₹25,000), वहां ESIC पंजीकरण अनिवार्य है। नियोक्ताओं को कर्मचारी नियुक्ति के 15 दिनों के भीतर पंजीकरण कराना आवश्यक है।

SPREE 2025 योजना (1 जुलाई से 31 दिसंबर 2025):

यह पुनः शुरू की गई योजना अपंजीकृत नियोक्ताओं और कर्मचारियों को बिना पुरानी देयताओं के पंजीकरण की सुविधा देती है। इस योजना के अंतर्गत:

  • नियोक्ता द्वारा निर्धारित तिथि से पंजीकरण मान्य होगा
  • पूर्व अवधि के लिए कोई जांच, बकाया या दंड नहीं
  • ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध
  • अब तक 88,000+ नियोक्ता और 1.02 करोड़ कर्मचारी इस योजना के तहत कवर हुए हैं।

Amnesty Scheme 2025 (1 अक्टूबर 2025 से 30 सितंबर 2026):

यह योजना विवादों के निपटारे के लिए डिज़ाइन की गई है, जिसमें विलंबित योगदान पर सरलीकृत दंड दरें और नौकरी हानि के दावों पर छूट शामिल है।

  • ESI Act 1948 के तहत निम्नलिखित दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है:
  • पंजीकरण न कराने पर: ₹5,000 तक का जुर्माना और पंजीकरण रद्द करने का अधिकार
  • विलंबित योगदान: 12% वार्षिक साधारण ब्याज दर
  • रिटर्न दाखिल न करने पर: तीन महीने से अधिक विलंब पर ₹1,000 प्रतिदिन जुर्माना

तीन वर्ष तक कारावास और कानूनी कार्रवाई

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए योगदान दरें निम्न हैं:

  • नियोक्ता: कर्मचारी वेतन का 3.25%
  • कर्मचारी: कर्मचारी वेतन का 0.75%

यह योगदान प्रत्येक महीने के अंत से 15 दिनों के भीतर जमा करना अनिवार्य है।

पंजीकरण के लिए ESIC पोर्टल (esic.nic.in) का उपयोग कर सकते हैं। आवश्यक दस्तावेजों में PAN, फैक्ट्री लाइसेंस और कर्मचारी सूची शामिल है।

कर्मचारियों को निःशुल्क चिकित्सा उपचार, बीमारी भत्ता (77% वेतन), मातृत्व लाभ (90 दिन), और अंत्येष्टि व्यय (₹15,000) का लाभ मिलता है।

नियोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे SPREE 2025 योजना का लाभ उठाएं क्योंकि दिसंबर 2025 के बाद पुराने बकाए की वसूली हो सकती है। पहले से डिफॉल्टर नियोक्ता Amnesty Scheme से राहत ले सकते हैं।

वर्तमान में ESIC 33 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 843 केंद्रों के माध्यम से सेवा प्रदान कर रहा है। यह पहल अनौपचारिक क्षेत्र को कवरेज में लाने के व्यापक लक्ष्य का हिस्सा है।