
स्टेट डेस्क, प्रीति पायल |
इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खान द्वारा 'I Love Muhammad' अभियान के समर्थन में 19 सितंबर को घोषणा की गई थी। उन्होंने कुरान की कथित अपमान के विरोध में 26 सितंबर को बरेली के इस्लामिया इंटर कॉलेज मैदान से जुमे की नमाज के पश्चात प्रदर्शन का आह्वान किया था।
जुमे की नमाज उपरांत सैकड़ों प्रदर्शनकारी अल हजरत दरगाह व खलील स्कूल चौराहे पर एकत्रित हुए। मौलाना तौकीर के स्थल पर न पहुंचने से भीड़ अनियंत्रित हो गई। स्थिति तब और बिगड़ी जब प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी के साथ पत्थरबाजी, गोलीबारी और संपत्ति नुकसान शुरू कर दिया। व्यापारिक प्रतिष्ठान, वाहन और पुलिस बल पर हमले किए गए।
पुलिस प्रशासन ने परिस्थिति नियंत्रण हेतु लाठीचार्ज, अश्रु गैस और रबर की गोलियों का प्रयोग किया। इस संघर्ष में 22 पुलिसकर्मी घायल हुए। अस्थायी रूप से इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया।
मौलाना तौकीर रजा खान बरेलवी समुदाय के अग्रणी नेता हैं। वे बरेली शरीफ दरगाह के संस्थापक अहमद रजा खान के वंशज हैं। IMC प्रमुख के रूप में वे मुस्लिम मुद्दों पर कड़ा रुख अपनाते हैं। 2014 में उन्होंने बहुजन समाज पार्टी का समर्थन किया था।
पुलिस के अनुसार मौलाना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और वीडियो संदेशों के माध्यम से भीड़ एकत्रित की। यद्यपि वे स्वयं घटनास्थल पर उपस्थित नहीं थे, किंतु उनके आह्वान पर हिंसा भड़की। बवाल के उपरांत उन्होंने वीडियो जारी कर कहा, "मैं गृह बंदी में हूं, बाहर जाने की अनुमति नहीं है। अतीक-अशरफ की भांति मुझे भी गोली मार दो।" पुलिस ने इसे उकसाने वाला बताया
27 सितंबर की सुबह 5 बजे मौलाना को हिरासत में लिया गया। चिकित्सा जांच के बाद 6 बजे न्यायालय में प्रस्तुत कर 14 दिवसीय न्यायिक हिरासत में भेजा गया। सुरक्षा कारणों से उन्हें बरेली से सीतापुर कारागार स्थानांतरित किया जा रहा है।
कुल 8 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर कारागार भेजा गया, जिनमें सरफराज, मनीफुद्दीन, अजीम अहमद आदि शामिल हैं। 39-40 व्यक्ति हिरासत में हैं, कुल मिलाकर 50 से अधिक उपद्रवी पकड़े गए हैं।
कुल 10 प्राथमिकी दर्ज की गईं - कोतवाली में 5, बरादरी में 2, किला, कैंट और प्रेमनगर में एक-एक। 2000 अज्ञात पत्थरबाजों पर सामूहिक मुकदमा IPC की धारा 147, 148, 149, 307, 436 के तहत दर्ज किया गया। मौलाना का नाम 7 FIR में बलवा भड़काने के आरोप में दर्ज है।
SSP अनुराग आर्या के अनुसार 7 दिनों से योजना बनाई जा रही थी। पुलिस ने चाकू, रिवॉल्वर, ब्लेड और पेट्रोल बम बरामद किए। CCTV फुटेज के आधार पर 12 टीमें उपद्रवियों की खोज में लगी हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "बरेली में मौलाना भूल गया कि शासन किसका है। बिना कर्फ्यू लगाए ऐसा सबक सिखाएंगे कि आने वाली पीढ़ियां दंगा करना भूल जाएंगी।" उन्होंने इसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास में बाधा डालने की साजिश बताया।
पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने स्पष्ट किया, "I Love Muhammad से कोई आपत्ति नहीं, परंतु हिंसा स्वीकार्य नहीं।" समाजवादी पार्टी नेता सुमैया राणा ने पुलिस को चुनौती दी।
शहर में शांति व्याप्त है और भारी पुलिस बल तैनात है। कोई नई घटना नहीं हुई है। सोशल मीडिया पर बहस जारी है - कुछ मौलाना की सुरक्षा की दुआ मांग रहे हैं तो कुछ पुलिस कार्रवाई की प्रशंसा कर रहे हैं। मौलाना के फोन और सहयोगियों की जांच चल रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम लगाने पर विचार किया जा रहा है।