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JNU में फिर बजेगा चुनावी बिगुल, 4 नवंबर को मतदान

नेशनल डेस्क, वेरोनिका राय |

JNU छात्रसंघ चुनाव 2025-26 की तारीखें घोषित: 4 नवंबर को मतदान, 6 नवंबर को नतीजे; कैंपस में फिर लौटेगा चुनावी जोश

दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) में छात्रसंघ चुनावों के बाद अब जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में भी चुनावी माहौल गरमाने लगा है। लंबी प्रतीक्षा के बाद आखिरकार चुनाव समिति ने 2025-26 सत्र के छात्रसंघ चुनावों (JNUSU Elections 2025-26) का पूरा कार्यक्रम जारी कर दिया है। इस बार मतदान 4 नवंबर 2025 को होगा, जबकि मतगणना के बाद 6 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे।

चुनावी प्रक्रिया की शुरुआत 24 अक्टूबर से

जेएनयू में लोकतंत्र का यह बड़ा छात्र उत्सव 24 अक्टूबर से शुरू होगा। इसी दिन सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक प्रारंभिक वोटर लिस्ट प्रदर्शित की जाएगी। छात्र अपने नाम, कोर्स या अन्य विवरणों में अगर कोई गलती पाते हैं तो वे उसी दिन उसे सुधार सकते हैं।

नामांकन प्रक्रिया 25 अक्टूबर से शुरू होगी:

  • 25 अक्टूबर (दोपहर 2 से 5 बजे): नामांकन फॉर्म का वितरण।
  • 27 अक्टूबर (सुबह 9:30 से शाम 5 बजे): नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख।
  • 28 अक्टूबर (सुबह 10 बजे): वैध नामांकनों की सूची जारी होगी।
  • 28 अक्टूबर (दोपहर 2 से 5 बजे):p नाम वापस लेने की अंतिम समय सीमा।
  • 28 अक्टूबर (शाम 7 बजे): अंतिम उम्मीदवारों की सूची जारी की जाएगी।
  • उसी रात 8 बजे प्रेस ब्रीफिंग होगी, जिसमें चुनाव प्रचार के लिए कैंपस के स्थानों का आवंटन किया जाएगा।

चुनावी बहसों और जनरल मीटिंग्स का दौर

जेएनयू में छात्रसंघ चुनाव सिर्फ मतदान भर नहीं होते, बल्कि यह छात्र राजनीति का सबसे बड़ा उत्सव माने जाते हैं।

  • 29 से 31 अक्टूबर तक स्कूल जनरल बॉडी मीटिंग्स (GBMs) आयोजित की जाएंगी। यहां उम्मीदवार अपने-अपने स्कूल के छात्रों से सीधा संवाद करेंगे और अपनी नीतियां बताएंगे।
  • 1 नवंबर को यूनिवर्सिटी जनरल बॉडी मीटिंग (UGBM) होगी। यह कार्यक्रम पूरे जेएनयू का सबसे अहम लोकतांत्रिक मंच माना जाता है, जहां सभी स्कूलों के छात्र एक साथ उम्मीदवारों से रूबरू होते हैं।
  • 2 नवंबर को प्रेसिडेंशियल डिबेट होगी, जो चुनाव का सबसे रोमांचक और पारंपरिक चरण होता है। इसमें छात्रसंघ अध्यक्ष पद के उम्मीदवार एक-दूसरे से सीधी बहस करते हैं। यही बहस अक्सर चुनाव के रुझान तय करती है।

3 नवंबर को नो कैंपेन डे

3 नवंबर को ‘नो कैंपेन डे’ रखा गया है ताकि छात्र बिना किसी प्रचार या दबाव के अपने विवेक से मतदान का फैसला कर सकें।

मतदान और मतगणना

  • 4 नवंबर (सुबह 9 से दोपहर 1 बजे और दोपहर 2:30 से शाम 5:30 बजे): मतदान दो सत्रों में होगा।
  • 4 नवंबर की रात 9 बजे से: मतगणना शुरू कर दी जाएगी।
  • 6 नवंबर को: परिणामों की घोषणा होगी।

चुनाव समिति के अध्यक्ष रवि कांत ने बताया कि इस बार पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए विशेष निगरानी रखी जाएगी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक “Grievance Redressal Cell” भी बनाया है, जो किसी भी विवाद या शिकायत की सुनवाई करेगा।

पिछले साल का राजनीतिक समीकरण

पिछले साल लेफ्ट यूनिटी (वामपंथी संगठनों) ने चार में से तीन प्रमुख पदों पर जीत दर्ज की थी। वहीं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने लगभग एक दशक बाद जॉइंट सेक्रेटरी का पद जीतकर सबको चौंका दिया था। इस बार भी वामदलों, एबीवीपी और स्वतंत्र उम्मीदवारों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है।

JNU का चुनाव – देश की छात्र राजनीति की दिशा

JNU के छात्रसंघ चुनाव हमेशा से देश की छात्र राजनीति की दिशा तय करने वाले माने जाते हैं। यहां के चुनाव केवल विश्वविद्यालय की राजनीति नहीं, बल्कि राष्ट्रीय राजनीतिक विमर्श का आईना भी माने जाते हैं।

अब जब तारीखों की घोषणा हो चुकी है, तो कैंपस में बहसों, पोस्टरों, नारेबाजी और विचारधाराओं की टकराहट का दौर शुरू हो गया है। आने वाले दिनों में देखना दिलचस्प होगा कि इस बार जेएनयू का जनादेश किसके पक्ष में जाता है – वामपंथियों, एबीवीपी या फिर किसी नए चेहरे के।

संक्षेप

  • 24 अक्टूबर: वोटर लिस्ट प्रदर्शित
  • 25-27 अक्टूबर: नामांकन प्रक्रिया
  • 29-31 अक्टूबर: स्कूल GBMs
  • 1 नवंबर: यूनिवर्सिटी GBM
  • 2 नवंबर: प्रेसिडेंशियल डिबेट
  • 3 नवंबर: नो कैंपेन डे
  • 4 नवंबर: मतदान
  • 6 नवंबर: परिणाम घोषित