
नेशनल डेस्क, प्रीति पायल |
मोबीक्विक में टेक्निकल गड़बड़ी: ₹40 करोड़ की धोखाधड़ी, 2500 अकाउंट बंद, 6 गिरफ्तार
हाल ही में मोबीक्विक एप्लिकेशन में आई टेक्निकल समस्या ने बड़ी परेशानी खड़ी कर दी है। 11-12 सितंबर 2025 को हुई इस तकनीकी गड़बड़ी का दुरुपयोग करके धोखेबाजों ने कंपनी से लगभग ₹40 करोड़ का गबन किया है। इस घटना के बाद पुलिस ने 6 व्यक्तियों को हिरासत में लिया है और पूरे देश में (विशेषकर हरियाणा के गुड़गांव और नूह इलाकों में) लगभग 2500 बैंक खाते जमे कर दिए हैं।
सितंबर के दूसरे सप्ताह में मोबीक्विक द्वारा अपने एप्लिकेशन का सॉफ्टवेयर अपग्रेड किया गया था। इस अपडेट के परिणामस्वरूप सिस्टम में एक technical glitch पैदा हो गया, जिससे UPI लेन-देन के दौरान बैलेंस verification और PIN authentication प्रक्रिया बाधित हो गई। इस कमी का फायदा उठाकर उपयोगकर्ता बिना पर्याप्त राशि या गलत PIN के साथ भी successful transactions कर पा रहे थे। कंपनी के corporate account से सीधे पैसा कट रहा था, जबकि users के wallet से नहीं।
12 सितंबर को कंपनी के प्रतिनिधि द्वारा गुड़गांव पुलिस में formal complaint दर्ज कराई गई। आंतरिक जांच में 5 लाख से अधिक suspicious UPI transactions मिले, जिनसे ₹40 करोड़ का financial loss हुआ।
अपराधियों ने system glitch का लाभ उठाकर QR code scanning और UPI payment के माध्यम से unauthorized money transfers किए। ये transactions successful दिखाई दे रहे थे, परंतु वास्तव में कंपनी के खाते से amount deduct हो रहा था। हस्तांतरित धनराशि विभिन्न bank accounts में चली गई, जिसमें registered merchants और सामान्य व्यक्तियों के खाते शामिल थे।
नूह जिले के कई निवासियों के खातों में अचानक पैसा आने पर local police ने advisory जारी की और 23 सितंबर तक ऐसे cases report करने का आग्रह किया। अधिकारी इस बात की investigation कर रहे हैं कि आरोपियों को इस technical vulnerability की जानकारी कैसे मिली।
गुड़गांव पुलिस द्वारा 16 सितंबर को 6 suspects को arrest किया गया, जो सभी हरियाणा के निवासी हैं - रेहान (नूह के रेवासन गांव से), वकार यूनुस, मोहम्मद आमिर, मोहम्मद अंसार (नूह के कामेड़ा गांव से), वसीम अकरम (नूह के मरोड़ा गांव से), और मोहम्मद साकिल (पलवल के उटावाड़ गांव से)।
interrogation के दौरान आरोपियों ने स्वीकार किया कि system glitch के कारण बिना balance के भी transactions successful हो रहे थे। 16 सितंबर को न्यायालय में presentation के बाद सभी को judicial custody में भेज दिया गया।
कुल 2500 bank accounts freeze किए गए हैं, जिनमें ₹8 करोड़ की राशि मिली है। नूह पुलिस ने affected individuals के लिए special camp आयोजित किया, जहां मोबीक्विक के सहयोग से investigation चल रही है। Police ने 75 beneficiaries को notices भेजे हैं, और company recovery process में जुटी है। अनुमानित net impact ₹26 करोड़ बताया जा रहा है।
मोबीक्विक ने stock exchange filing में इसे "unauthorized settlements" का मामला बताया है, जो कुछ merchants और users की मिलीभगत से हुआ है। कंपनी affected users से amount recover कर रही है और user data व funds की security का दावा कर रही है। 17 सितंबर को share market में कंपनी के shares में 2.4% की गिरावट देखी गई, जो ₹303.90 पर पहुंच गए।
यह incident मोबीक्विक के लिए दूसरा ऐसा case है। 2017 में भी एक similar glitch से ₹19 करोड़ का नुकसान हुआ था। यह घटना digital payment systems की vulnerabilities को उजागर करती है और user awareness की आवश्यकता पर जोर देती है।