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MP कफ सिरप कांड में श्रीसन फार्मा मालिक की संपत्ति कुर्क

स्टेट डेस्क, मुस्कान कुमारी |

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप से कम से कम 20 बच्चों की मौत के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तमिलनाडु के चेन्नई में श्रीसन फार्मास्यूटिकल के मालिक जी. रंगनाथन और उनके परिवार की 2.04 करोड़ रुपये कीमत की दो आवासीय फ्लैटों को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया है। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की गई, जिसमें मिलावटी दवा बेचकर हुई अवैध कमाई को संपत्ति में निवेश का आरोप लगाया गया है। ईडी का चेन्नई जोनल कार्यालय ने मंगलवार (2 दिसंबर) को यह कदम उठाया, जो मध्य प्रदेश और तमिलनाडु पुलिस की दो प्राथमिकियों पर आधारित जांच का हिस्सा है।

रंगनाथन पर गैर-इरादतन हत्या, दवा में मिलावट और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के उल्लंघन के आरोप हैं। वे अक्टूबर में मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार हो चुके हैं।

ईडी ने आरोप लगाया कि कंपनी ने औद्योगिक स्तर की कच्ची सामग्री का इस्तेमाल कर दवाओं का उत्पादन किया, जिससे सिरप में डायइथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) और एथिलीन ग्लाइकॉल (ईजी) जैसी जहरीली रसायनों की मात्रा 48.6 प्रतिशत और 46.28 प्रतिशत तक पहुंच गई। ये स्तर सुरक्षित सीमा (0.1 प्रतिशत से कम) से कहीं ज्यादा हैं, जिसके चलते बच्चों में किडनी फेलियर हुआ और मौतें हुईं।

मिलावटी सिरप का काला कारोबार: बच्चों की जिंदगियां दांव पर

मामला मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा, बेतूल और पांढ़ुर्ना जिलों से जुड़ा है, जहां खांसी-जुकाम के इलाज के लिए बच्चों को दिया गया कोल्ड्रिफ सिरप घातक साबित हुआ। लैब जांच में सिरप के एक बैच में 48-49 प्रतिशत तक डीईजी पाया गया, जो किडनी को नष्ट करने वाला औद्योगिक रसायन है। शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक कम से कम 20 बच्चों की मौत हुई, जबकि कुछ रिपोर्टों में संख्या 22-24 तक बताई गई। कई अन्य बच्चे गंभीर रूप से प्रभावित हुए और डायलिसिस पर हैं।

श्रीसन फार्मास्यूटिकल कांचीपुरम जिले में स्थित है, जहां फैक्ट्री पर छापेमारी के बाद तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल विभाग ने इसे सील कर दिया। राज्य सरकार ने सिरप पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।8579f0 ईडी की जांच में सामने आया कि कंपनी ने फार्मा-ग्रेड सामग्री के बजाय सस्ती इंडस्ट्री-ग्रेड रसायन खरीदे, वो भी बिना उचित रिकॉर्ड या क्वालिटी चेक के, ताकि लागत कम रहे।

तमिलनाडु के ड्रग कंट्रोल अधिकारियों पर भी लापरवाही का आरोप है, जिन्होंने अनिवार्य वार्षिक निरीक्षण नहीं किए, हालांकि वे मालिक से लगातार संपर्क में थे।

ईडी की जांच में खुलासा: अवैध कमाई को संपत्ति में बदला

ईडी ने कहा कि सिरप बेचकर हुई अनुचित मुनाफा 'अपराध की उपज' है, जिसे रंगनाथन ने चेन्नई के कोडंबक्कम इलाके में दो फ्लैटों में निवेश किया।

ये संपत्तियां परिवार के नाम पर हैं और कुल मूल्य 2.04 करोड़ रुपये है। पहले ईडी ने 10 जगहों पर छापे मारे, जहां वित्तीय दस्तावेज और मिलावट के सबूत बरामद हुए।जांच जारी है, और आगे अदालत से इन संपत्तियों की जब्ती की मांग की जा सकती है।

मध्य प्रदेश पुलिस ने रंगनाथन को चेन्नई से गिरफ्तार कर छिंदवाड़ा ले जाकर पूछताछ की। उन पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (आईपीसी की 304 के समकक्ष) के तहत मुकदमा दर्ज है।तमिलनाडु पुलिस ने भी दूसरी एफआईआर दर्ज की दोनों राज्यों ने दो-दो ड्रग इंस्पेक्टरों को निलंबित किया, जबकि मध्य प्रदेश एफडीए के डिप्टी डायरेक्टर पर भी कार्रवाई हुई।कंपनी के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं।

मौतों की सिलसिला: लापरवाही ने ली मासूमों की जानें

यह घटना दवा उद्योग की लापरवाही को उजागर करती है। सिरप के सेवन के बाद बच्चों में उल्टी, दर्द और किडनी फेलियर के लक्षण दिखे।

डॉक्टरों ने बताया कि डीईजी एक सस्ता सॉल्वेंट है, जो कभी-कभी ग्लिसरीन की जगह इस्तेमाल होता है, लेकिन यह जानलेवा है।9b09daadb48c मध्य प्रदेश सरकार ने अलर्ट जारी किया और अन्य राज्यों को सलाह दी।
विपक्ष ने पूर्ण जांच की मांग की है।
ईडी की यह कार्रवाई उन परिवारों को न्याय की उम्मीद जगाती है, जिन्होंने अपने मासूम खोए। जांच एजेंसियां अब पूरी साजिश उजागर करने पर जुटी हैं, ताकि ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।