
विदेश डेस्क, नीतीश कुमार |
नेपाल में Gen Z के प्रदर्शनकारियों ने नेताओं को निशाना बनाया है, यहाँ तक कि पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी को भी अपनी जान गंवानी पड़ी है।
नेपाल में युवाओं के विरोध प्रदर्शन ने पूरे देश में आग लगा दी है। सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुआ यह आंदोलन गंभीर हिंसा का रूप ले चुका है। इस स्थिति के कारण प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली को अपना पद छोड़ना पड़ गया है। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन और सुप्रीम कोर्ट को आग लगा दी है। इसके साथ ही राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल समेत कई प्रमुख राजनीतिक नेताओं के घरों को भी जलाया गया है। इस हिंसा में पूर्व प्रधानमंत्री झालानाथ खनाल की पत्नी की आग में जलकर मृत्यु हो गई है। अब सवाल यह उठता है कि यह सब कुछ कैसे शुरू हुआ?
नेपाल में भारत के पूर्व राजदूत रंजीत राय ने इस विषय पर अपनी राय देते हुए कई कारण बताए हैं। उनके अनुसार सिर्फ सोशल मीडिया पर लगाया गया प्रतिबंध ही इस संकट की एकमात्र वजह नहीं है। पूर्व राजदूत ने स्पष्ट किया, "तत्काल कारण यह था कि पूर्व प्रधानमंत्री केपी ओली की सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह कहकर रोक लगाई कि वे नेपाली कानूनों का सम्मान नहीं कर रहे थे। मेरे विचार में यह एक गलत निर्णय था, परंतु वास्तविक कारण केवल यह नहीं है।"
उन्होंने बताया कि नेपाल में भ्रष्टाचार अपने चरम पर पहुंच चुका था। रंजीत राय ने कहा, "सरकारी कार्यालयों में फैले व्यापक भ्रष्टाचार से नेपाली जनता अत्यधिक निराश है। देश में अनेक घोटाले सामने आए हैं। इसके अतिरिक्त लोगों में यह भावना भी मजबूत हुई है कि देश के शीर्ष नेताओं के परिवारों को अत्यधिक सुविधाएं मिल रही हैं। नेपाल में लगातार ऐसी बातें वायरल होती रहती हैं जहां इन नेताओं की संतान, जो नेपो किड्स कहलाते हैं, सोशल मीडिया पर अपनी महंगी जीवनशैली का प्रदर्शन करते हैं। जनता में यह अनुभूति थी कि सरकार उनकी बात नहीं सुन रही है और राजनीतिक नेतृत्व युवा पीढ़ी से दूर हो गया है।"