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NSG ने जारी की पहली राष्ट्रीय SOP: IED खतरों से निपटने के लिए राज्यों से समझौता

नई दिल्ली, श्रेया पांडेय |
भारत की एलीट आतंकवाद-रोधी इकाई नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) ने देश की सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए पहली बार राष्ट्रीय स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी की है। यह SOP सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की पुलिस बलों के साथ मिलकर आतंकवादी खतरों, विशेष रूप से IED (Improvised Explosive Devices) से निपटने के लिए एक साझा रणनीति तैयार करती है।

इस अवसर पर NSG ने एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर भी हस्ताक्षर किए, जिसके अंतर्गत राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस बलों के साथ संयुक्त प्रशिक्षण, सूचना साझाकरण, और तकनीकी सहयोग की रूपरेखा तय की गई है।

NSG के महानिदेशक एम. ए. गणपति ने कहा कि “यह SOP आतंकवाद और IED जैसे आधुनिक खतरों से निपटने में एकसमान प्रतिक्रिया और तालमेल की दिशा में मील का पत्थर है।” उन्होंने बताया कि देशभर की पुलिस एजेंसियों को अब एक केंद्रीकृत SOP के तहत एकजुट होकर कार्रवाई करने का प्लेटफॉर्म मिलेगा।

IED खतरे की बढ़ती घटनाओं के मद्देनज़र SOP में तकनीकी विश्लेषण, रिस्पॉन्स टाइम को कम करना, और फील्ड-लेवल कमांड एंड कंट्रोल की भूमिका को स्पष्ट किया गया है। SOP में स्पष्ट प्रावधान हैं कि कैसे कोई संदिग्ध वस्तु मिलने पर प्राथमिक प्रतिक्रिया दी जाए, किस स्तर की सुरक्षा तैयार की जाए और किन तकनीकी संसाधनों का प्रयोग हो।

NSG ने यह भी स्पष्ट किया कि इस SOP को समय-समय पर अपडेट किया जाएगा ताकि तकनीकी और रणनीतिक आवश्यकताओं के अनुसार बदलाव संभव हो।

इस पहल का उद्देश्य है कि देश की आतंरिक सुरक्षा प्रणाली को अधिक एकीकृत, प्रभावी और समयबद्ध बनाया जा सके, जिससे किसी भी आपात स्थिति में त्वरित और समन्वित प्रतिक्रिया संभव हो।