Ad Image
Ad Image
दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराधियों के लिए चलाया साईं हॉक अभियान, 48 घंटे में 800 गिरफ्तार || झारखंड की मंत्री दीपिका पाण्डेय का EC पर हमला, SIR के कारण हारा महागठबंधन || पूर्वी चंपारण के रक्सौल में VIP पार्टी के अनुमंडल प्रमुख की गोली मार हत्या || राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन से शांति समझौते के प्रस्ताव को जल्दी स्वीकार करने का आग्रह किया || ईरान पर अमेरिका की सख्ती, आज नए प्रतिबंधों का किया ऐलान || BJP को 90 पर लीड, JDU को 80 पर लीड, महागठबंधन फेल || नीतीश कुमार CM हैं और आगे भी रहेंगे: जेडीयू की प्रतिक्रिया || NDA को शानदार बढ़त, 198 पर लीड जबकि महागठबंधन को 45 पर लीड || तुर्की : सैन्य विमान दुर्घटना में मृत सभी 20 सैनिकों के शव बरामद || RJD के एम एल सी सुनील सिंह का भड़काऊ बयान, DGP के आदेश पर FIR

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

PK का आरोप: मंगल पांडेय ने 25 लाख लेकर खरीदा फ्लैट, महंगे दाम पर खरीदी एंबुलेंस

स्टेट डेस्क, एन.के. सिंह |

जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने बीजेपी नेता और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर दिल्ली में फ्लैट खरीदने और महंगे दाम पर एंबुलेंस खरीदने को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में मंगल पांडेय ने पत्नी उर्मिला पांडेय के नाम पर दिल्ली के द्वारका में 86 लाख रुपये का फ्लैट खरीदा, जिसमें 25 लाख रुपये का भुगतान बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने किया। प्रशांत के मुताबिक, यह राशि 6 अगस्त 2019 को मंगल पांडेय के पिता अवधेश पांडेय के खाते में भेजी गई और फिर उनकी पत्नी के खाते में स्थानांतरित हुई। आरोप है कि इसके बाद जायसवाल के मेडिकल कॉलेज को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया गया, जो पहले बीएन मंडल यूनिवर्सिटी से डिग्री देता था।

पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बीजेपी में भ्रष्टाचार का आलम यह है कि अपने ही नेताओं से पैसा लिया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि चुनावी हलफनामे में मंगल पांडेय ने कहीं भी यह उल्लेख नहीं किया कि उन्होंने पिता या दिलीप जायसवाल से कोई कर्ज लिया।

एंबुलेंस खरीद को लेकर प्रशांत किशोर ने मंगल पांडेय और मुख्य सचिव बनने वाले आईएएस प्रत्यय अमृत से जवाब मांगा। उनके अनुसार, 2022 में 1000 एंबुलेंस खरीदी गईं टाइप सी के 446 एंबुलेंस 19.58 लाख रुपये प्रति यूनिट और एडवांस लाइफ सपोर्ट वाले 534 अन्य। अप्रैल 2025 में 222 और एंबुलेंस खरीदी गईं, जिनकी कीमत तीन साल में बढ़कर 27.47 लाख हो गई, यानी प्रति एंबुलेंस 7.90 लाख रुपये अधिक। उन्होंने सवाल किया कि दाम इतनी तेजी से क्यों बढ़े, जबकि ओडिशा में यही टाइप सी एंबुलेंस 16 लाख और यूपी में बी टाइप 12 लाख में खरीदी गई।

प्रशांत ने कहा कि टेंडर की शर्तों के अनुसार, आपूर्ति उसी कंपनी से होनी थी जिसका हर जिले में सर्विस सेंटर हो, लेकिन फोर्स कंपनी को ठेका दे दिया गया जिसके सर्विस सेंटर केवल चार से छह जिलों में हैं। टाटा मोटर्स को तकनीकी आधार पर बाहर कर दिया गया क्योंकि उन्होंने ड्राइवर और मरीज दोनों केबिन में एसी देने की पेशकश की, जबकि शर्त में केवल मरीज वाले हिस्से में एसी होना जरूरी था।

उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार सरकार ने फोर्स मोटर्स से वही एंबुलेंस 28 लाख में खरीदी, जिसकी कीमत कंपनी की वेबसाइट पर 21 लाख है। साथ ही, उन्होंने कहा कि आयुष्मान कार्ड योजना में दिलीप जायसवाल के अस्पताल से सबसे ज्यादा निकासी हुई और इस योजना के राज्य प्रमुख पहले मंगल पांडेय के निजी सचिव रह चुके हैं।