नेशनल डेस्क, आर्या कुमारी |
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मतदान में अब 20 दिन से भी कम वक्त बचा है. सभी पार्टियां प्रचार में पूरी ताक़त झोंक चुकी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 23 अक्टूबर से बिहार में अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करेंगे. वे दरभंगा, मुज़फ़्फ़रपुर, पटना, गया, पूर्वी चम्पारण, समस्तीपुर, छपरा, पश्चिमी चम्पारण और अररिया में रैलियों को संबोधित करेंगे.
जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, सियासी पारा लगातार चढ़ रहा है. अब इस मुकाबले में प्रधानमंत्री मोदी की एंट्री से माहौल और गर्म हो गया है. अक्टूबर के आखिरी हफ्ते से लेकर नवंबर की शुरुआत तक पीएम मोदी बिहार के कई इलाकों में रैलियां करेंगे. माना जा रहा है कि उनकी मौजूदगी वोटरों के मूड और चुनावी समीकरण, दोनों पर गहरा असर डाल सकती है. 23 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी सासाराम, गया और भागलपुर में पहली जनसभाएं करेंगे. इन इलाकों में बीजेपी-एनडीए की मजबूत पकड़ है, हालांकि विपक्ष भी पूरी तैयारी में है. पीएम मोदी की मौजूदगी से कार्यकर्ताओं में जोश और मतदाताओं में नई ऊर्जा देखी जा सकती है.
इसके बाद 28 अक्टूबर को दरभंगा, मुज़फ़्फ़रपुर और पटना में रैलियां होंगी. मिथिलांचल के दिल दरभंगा-मुज़फ़्फ़रपुर और राजधानी पटना में प्रधानमंत्री के भाषण न सिर्फ जनता से जुड़ाव का माध्यम होंगे, बल्कि यह संकेत भी देंगे कि बीजेपी इस बार जीत के लिए पूरी तरह तैयार है. 1 नवंबर को पूर्वी चम्पारण, समस्तीपुर और छपरा में रैलियां होंगी, जहां स्थानीय मुद्दे और सामाजिक समीकरण अहम भूमिका निभाएंगे. विकास, रोजगार और भ्रष्टाचार-मुक्त शासन जैसे मुद्दे युवाओं और किसानों को प्रभावित कर सकते हैं. अंत में, 3 नवंबर को पश्चिमी चम्पारण, अररिया और सहरसा में रैलियों का समापन होगा. ये इलाके चुनावी दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और यहां भी भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है.
प्रधानमंत्री मोदी की ये रैलियां सिर्फ राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि जनता से सीधे संवाद का मंच हैं, जिनका असर गांव से लेकर शहर तक महसूस किया जा सकेगा. एनडीए को भरोसा है कि पीएम मोदी की लोकप्रियता इस बार भी चुनावी पासा पलट देगी.







