Ad Image
Ad Image
दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराधियों के लिए चलाया साईं हॉक अभियान, 48 घंटे में 800 गिरफ्तार || झारखंड की मंत्री दीपिका पाण्डेय का EC पर हमला, SIR के कारण हारा महागठबंधन || पूर्वी चंपारण के रक्सौल में VIP पार्टी के अनुमंडल प्रमुख की गोली मार हत्या || राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन से शांति समझौते के प्रस्ताव को जल्दी स्वीकार करने का आग्रह किया || ईरान पर अमेरिका की सख्ती, आज नए प्रतिबंधों का किया ऐलान || BJP को 90 पर लीड, JDU को 80 पर लीड, महागठबंधन फेल || नीतीश कुमार CM हैं और आगे भी रहेंगे: जेडीयू की प्रतिक्रिया || NDA को शानदार बढ़त, 198 पर लीड जबकि महागठबंधन को 45 पर लीड || तुर्की : सैन्य विमान दुर्घटना में मृत सभी 20 सैनिकों के शव बरामद || RJD के एम एल सी सुनील सिंह का भड़काऊ बयान, DGP के आदेश पर FIR

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

PM Modi का त्रिनिदाद और टोबैगो में ऐतिहासिक स्वागत, भोजपुरी चौताल से गूंजा ‘जय हिंद’

विदेश डेस्क, ऋषि राज |

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के त्रिनिदाद और टोबैगो दौरे पर देश और संस्कृति के गौरवशाली क्षण देखने को मिले। इस ऐतिहासिक अवसर पर पीएम मोदी का स्वागत स्थानीय भारतीय मूल के लोगों द्वारा पारंपरिक भोजपुरी चौताल गायन और तिलक लगा कर किया गया।
यह दृश्य न सिर्फ भारतवंशियों की भावनाओं का प्रतीक बना, बल्कि भारतीय संस्कृति की जड़ों की शक्ति को भी दर्शाया।
 हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण

स्वागत समारोह में भारतीय मूल के त्रिनिदाद नागरिकों ने 'जय हिंद' के नारों से वातावरण को गूंजा दिया।
मंच पर पारंपरिक पोशाकों में कलाकारों ने भोजपुरी लोक धुनों और चौताल के माध्यम से पीएम मोदी का अभिनंदन किया।
स्थानीय भारतीय समुदाय के लोगों ने भारत का झंडा हाथ में लेकर "भारत माता की जय" के नारे लगाए।

"मिट्टी छोड़ी, संस्कार नहीं": प्रवासी भारतीयों की भावना

एक भावुक पल तब आया जब मंच से कहा गया – "हमने अपनी जन्मभूमि छोड़ी है, पर भारत के संस्कार आज भी हमारे जीवन में बसे हैं।"
कार्यक्रम में शामिल कई बुज़ुर्गों की आंखों में अपने भारत से मिलने की भावुकता और गर्व साफ़ झलक रही थी।

पीएम मोदी का संदेश

इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा: "त्रिनिदाद और टोबैगो में आकर मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैं अपने ही परिवार के बीच हूं। आप सबने जिस तरह भारत की संस्कृति को संजो कर रखा है, वो हमारे लिए गर्व का विषय है।"

डायस्पोरा की ताकत

त्रिनिदाद और टोबैगो की जनसंख्या में भारतीय मूल के लोगों का बड़ा योगदान है, जो लगभग 40% तक हैं।
ये लोग 1838 से 1917 तक ब्रिटिश राज के दौरान गिरमिटिया मजदूर बनकर कैरिबियन देशों में गए थे।
आज ये भारतीय संस्कृति, भाषा, धर्म और पारंपरिक मूल्यों को जीवंत रखे हुए हैं।

राजनीतिक संदेश भी

इस दौरे के माध्यम से भारत ने एक बार फिर यह दिखाया कि दुनिया के किसी भी कोने में रहने वाले प्रवासी भारतीय देश की संस्कृति और राष्ट्रभक्ति से जुड़े हैं।

"हिंदू राष्ट्र को बांटने का काम हो रहा है, लेकिन दुनिया भर में फैला हिंदू समाज आज भी एकजुट है।"

पीएम मोदी का यह दौरा सिर्फ एक राजनयिक यात्रा नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति, भाषा और सभ्यता के वैश्विक प्रभाव की झलक थी।
भोजपुरी, जय हिंद, और मिट्टी से जुड़ी भावनाएं – ये सभी बातें भारतीयता को फिर से केंद्र में लाकर खड़ा कर रही हैं।