
श्रेयांश पराशर, ओडिशा |
ओडिशा के केन्दुझर जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत मिले एक घर को अवैध रूप से चर्च में बदलने का मामला सामने आया है। यह घटना जनजाति बहुल क्षेत्र बलभद्रपुर गांव की है, जिससे इलाके में सांप्रदायिक तनाव फैल गया है। ओडिशा के चंपुआ ब्लॉक के अंतर्गत बलभद्रपुर गांव में एक गंभीर विवाद सामने आया है, जहां प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवंटित घर को चर्च में परिवर्तित कर दिया गया। स्थानीय निवासियों और हिंदू संगठनों का आरोप है कि यह एक सुनियोजित धर्मांतरण प्रयास है, जिससे गांव के सामाजिक ताने-बाने में दरार आ रही है।
जानकारी के मुताबिक, जिस व्यक्ति को यह मकान मिला था, उसने घर का बाहरी स्वरूप बदलकर उसमें ईसाई धार्मिक चिह्न लगा दिए और वहां नियमित रूप से प्रार्थनाएं शुरू कर दीं। स्थानीय ग्रामीणों ने जब इसका विरोध किया तो गांव में तनाव बढ़ गया। इस घटना के बाद से बलभद्रपुर में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
स्थानीय प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। चंपुआ के तहसीलदार और जिला प्रशासन के अधिकारी गांव पहुंचे और लोगों से बातचीत कर स्थिति को शांत करने का प्रयास किया। अधिकारियों का कहना है कि अगर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिले घर का दुरुपयोग हुआ है, तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकारी योजनाओं के तहत आवंटित घर का उपयोग केवल आवासीय उद्देश्य के लिए किया जा सकता है, धार्मिक या व्यावसायिक कार्यों के लिए नहीं। यदि कोई इसका उल्लंघन करता है, तो यह योजना की शर्तों के खिलाफ है और ऐसे मामलों में मकान की जब्ती की कार्रवाई की जा सकती है।
वहीं दूसरी ओर, कुछ स्थानीय ईसाई समूहों ने दावा किया है कि यह धार्मिक स्वतंत्रता का मामला है और किसी पर भी जबरन धर्म परिवर्तन का आरोप लगाना गलत है। हालांकि, पुलिस ने अब तक जबरन धर्मांतरण की पुष्टि नहीं की है, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच जारी है।
फिलहाल गांव में शांति बनी हुई है लेकिन प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है। यह मामला धार्मिक सहिष्णुता, सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग और ग्रामीण क्षेत्रों में धर्मांतरण जैसे गंभीर मुद्दों को उजागर करता है।