
राष्ट्रीय डेस्क, प्रीति पायल |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 सितंबर 2025 को पंजाब के बाढ़ग्रस्त गुरदासपुर जिले का दौरा करेंगे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य राज्य में हाल की विनाशकारी बाढ़ के बाद चल रहे राहत कार्यों का जायजा लेना और प्रभावित नागरिकों से मुलाकात करना है।
प्रधानमंत्री का यह दौरा कई महत्वपूर्ण गतिविधियों को शामिल करता है। वे बाढ़ से पीड़ित परिवारों, विशेषकर कृषक समुदाय के साथ बातचीत करेंगे ताकि उनकी चुनौतियों को समझा जा सके और उन्हें आवश्यक सहायता का भरोसा दिलाया जा सके। इसके अलावा, वे प्रभावित इलाकों का हवाई निरीक्षण करेंगे और वर्तमान में चल रहे बचाव एवं सहायता कार्यों की स्थिति देखेंगे।
भाजपा की पंजाब इकाई के अनुसार, यह दौरा केंद्र सरकार की पंजाब की जनता के साथ खड़े होने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है और इस कठिन समय में हर तरह की मदद मुहैया कराई जाएगी। पंजाब वर्तमान में पिछले कई दशकों की सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है। तेज़ मॉनसूनी वर्षा और हिमाचल प्रदेश तथा जम्मू-कश्मीर से आने वाली नदियों (सतलुज, रावी, ब्यास) में उफान के कारण हालात और भी चिंताजनक हो गए हैं।
राज्य के 23 जिलों में कुल 1,996 गांव पानी में डूब चुके हैं। गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर और फाजिल्का सर्वाधिक प्रभावित जिलों में शामिल हैं। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 46 लोगों की जान चली गई है और लगभग 3.87 लाख व्यक्ति प्रभावित हुए हैं।
कृषि क्षेत्र को भारी नुकसान हुआ है, जहां करीब 1.75 लाख हेक्टेयर में फैली फसलें बर्बाद हो गई हैं। पंजाब में 253.7 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जो सामान्य से 74% अधिक है और इसे पिछले 25 वर्षों की सबसे ज्यादा बारिश माना जा रहा है। बुनियादी ढांचे को भी व्यापक क्षति पहुंची है, जिसमें 101 किलोमीटर पीडब्ल्यूडी सड़कें और 141 स्कूल शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मुख्यतः गुरदासपुर पर केंद्रित रहेंगे, हालांकि अमृतसर और तरनतारन जैसे अन्य प्रभावित जिलों की यात्रा भी संभावित है। वे अमृतसर और फिरोजपुर के आसपासी क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे, जहां सीमावर्ती बाड़ और चौकियों को भी हानि पहुंची है। मोदी पंजाब सरकार के मंत्रियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे ताकि राहत कार्यों की प्रगति और आगे की जरूरी कार्ययोजना पर विचार-विमर्श हो सके। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार राज्य के लिए एक विशेष राहत पैकेज की घोषणा कर सकती है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 4 सितंबर को पंजाब का दौरा किया था और एक विस्तृत नुकसान मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार की थी, जो प्रधानमंत्री को प्रस्तुत की जाएगी। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने केंद्र पर 60,000 करोड़ रुपये की बकाया राशि (50,000 करोड़ रुपये जीएसटी और 8,000 करोड़ रुपये ग्रामीण विकास कोष) न देने का आरोप लगाया है। उन्होंने केंद्र पर संकट के दौरान पंजाब को "नाकाम" करने का भी आरोप लगाया है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस बाढ़ को "हाल के इतिहास में सबसे विकराल" करार दिया है और केंद्र से 60,000 करोड़ रुपये की बकाया राशि तथा किसानों को प्रति एकड़ 50,000 रुपये मुआवजे की मांग की है।
केंद्र की आपदा प्रबंधन टीमें पहले से ही पंजाब में नुकसान का आकलन कर रही हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राहत कार्यों के लिए अपनी हेलीकॉप्टर सेवा प्रशासन को सौंप दी है और स्वयं सड़क मार्ग से चंडीगढ़ वापस गए हैं।
अभिनेता सोनू सूद भी 7 सितंबर को अमृतसर पहुंचे हैं और बाघपुर, सुल्तानपुर लोधी, फिरोजपुर, फाजिल्का और अजनाला जैसे बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने की योजना बनाई है।
पंजाब के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड भी भारी वर्षा और भूस्खलन से गंभीर रूप से प्रभावित हैं। हिमाचल प्रदेश में 95 अचानक बाढ़, 45 बादल फटने और 132 बड़े भूस्खलन की घटनाएं रिकॉर्ड हुई हैं, जिसमें 355 लोगों की मृत्यु हुई और 3,787 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। प्रधानमंत्री की यह यात्रा इन सभी राज्यों में स्थिति के व्यापक मूल्यांकन का हिस्सा हो सकती है।