लोकल डेस्क, नीतीश कुमार।
मोतिहारी में लगातार दो दिनों तक वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी की प्रस्तावित सभाओं का आयोजन न हो पाने से राजद और वीआईपी के रिश्तों में खटास की चर्चाएं तेज हो गई हैं। मधुबन विधानसभा क्षेत्र में राजद प्रत्याशी संध्या रानी के समर्थन में तय की गई इन सभाओं के रद्द होने ने कार्यकर्ताओं में नाराज़गी पैदा कर दी है और महागठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
पहली सभा में सहनी के नहीं पहुंचने से मायूस लौटे समर्थक
शनिवार को मधुबन प्रखंड के जितौरा स्कूल मैदान में संध्या रानी के पक्ष में सहनी की सभा आयोजित की जानी थी। मंच और पंडाल सहित अन्य तैयारियां पूरी थीं, लेकिन सहनी के न आने से समर्थक और कार्यकर्ता निराश लौट गए। बिना भाषण और नेतृत्व के उपस्थिति में आई भीड़ को वापस जाना पड़ा।
दूसरे दिन भी कार्यक्रम रद्द, बढ़ा आक्रोश
कार्यकर्ताओं की नाराज़गी को देखते हुए रविवार को उसी स्थल पर दोबारा सभा की घोषणा की गई। इस बार मुकेश सहनी की उपस्थिति को लेकर आधिकारिक पुष्टि भी की गई थी, लेकिन लगातार दूसरे दिन भी कार्यक्रम रद्द हो गया। इससे स्थानीय कार्यकर्ताओं में असंतोष और बढ़ गया। कई कार्यकर्ताओं ने कहा कि बार-बार कार्यक्रम रद्द होने से चुनाव प्रचार की धार प्रभावित हो रही है और संगठनात्मक मनोबल कमजोर हो रहा है।
राजनीतिक स्तर पर चर्चाएं
इन घटनाओं के बाद राजनीतिक हलकों में यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि राजद और वीआईपी के बीच तालमेल में समस्या है। विपक्षी दलों ने भी इसे मुद्दा बनाते हुए कहा है कि महागठबंधन की एकता मंच तक सीमित है और जमीनी स्तर पर समन्वय की कमी स्पष्ट दिख रही है।
आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतज़ार
फिलहाल राजद और वीआईपी की ओर से इस विषय पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन मधुबन में लगातार दो दिनों तक सभाओं का रद्द होना गठबंधन की रणनीति और आंतरिक संबंधों को लेकर सवाल खड़े कर रहा है।







