नेशनल डेस्क, नीतीश कुमार।
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर दोबारा प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए क्योंकि देश में हो रही अव्यवस्थाओं के लिए भाजपा और संघ जिम्मेदार हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है कि आरएसएस पर फिर से रोक लगनी चाहिए।
श्री खरगे ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भाजपा और आरएसएस हमेशा देश के लिए नुकसानदेह रहे हैं, इसलिए आरएसएस पर प्रतिबंध आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल के अनुसार आरएसएस और हिंदू महासभा की गतिविधियों से उत्पन्न माहौल के कारण ही गांधीजी की हत्या हुई थी, जिसके बाद पटेल ने संगठन पर रोक लगाई थी।
उन्होंने कहा, "मैं सरदार पटेल की बात याद दिलाना चाहता हूं। उन्होंने 4 फरवरी 1948 को श्यामा प्रसाद मुखर्जी को लिखे पत्र में कहा था कि गांधीजी की मृत्यु पर आरएसएस ने मिठाई बांटी और खुशी जताई थी।" खरगे ने कहा कि आज वही विचारधारा के लोग कांग्रेस पर आरोप लगाते हैं कि वह सरदार पटेल को याद नहीं करती।
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार अब इतिहास को बदलने की कोशिश कर रही है। हाल ही में एनसीईआरटी की तीन किताबों से गांधीजी, गोडसे, आरएसएस और 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े अध्याय हटा दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार सच्चाई छिपाने की कोशिश कर रही है, लेकिन सच को दबाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि 9 जुलाई 2024 को मोदी सरकार ने आरएसएस की शाखाओं में सरकारी कर्मचारियों की भागीदारी पर लगे 58 साल पुराने प्रतिबंध को हटा दिया, जिसे फिर से लागू किया जाना चाहिए।
श्री खरगे ने कहा, "आज का दिन जहां एक ओर महत्वपूर्ण है, वहीं दुखद भी है। हम सरदार पटेल की जयंती मना रहे हैं और साथ ही इंदिरा गांधी की शहादत को भी याद कर रहे हैं। एक ‘लौह पुरुष’ और एक ‘आयरन लेडी’ - दोनों ने देश की एकता और अखंडता के लिए बड़ा योगदान दिया।"
उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस लगातार नेहरू और पटेल के बीच मतभेद की बातें करते हैं, जबकि सच्चाई यह है कि दोनों के बीच गहरा सम्मान और सौहार्द था। खरगे ने कहा, "नेहरू ने पटेल को ‘भारत की एकता का शिल्पी’ कहा था, वहीं पटेल ने नेहरू को ‘देश के आदर्श और जनता के नेता’ बताया था। उन्होंने कहा था कि नेहरू जी के अथक परिश्रम और राष्ट्र के प्रति समर्पण को मैं सबसे बेहतर जानता हूं।"







