
विदेश डेस्क, ऋषि राज |
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र में ‘ट्रिपल तोड़फोड़’ की जांच की मांग उठाई
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अपने कार्यक्रम के दौरान घटित तीन घटनाओं को “ट्रिपल तोड़फोड़” करार देते हुए इसकी गहन जांच की मांग की है। इन घटनाओं में एस्केलेटर का खराब हो जाना, टेलीप्रॉम्प्टर में तकनीकी गड़बड़ी और सभागार में ऑडियो सिस्टम की समस्या शामिल है।
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में विस्तार से इन घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सबसे पहले एस्केलेटर अचानक बंद हो गया, जिससे उनके साथ मौजूद दल और सुरक्षाकर्मी असुविधा में पड़ गए। इसके तुरंत बाद दूसरी समस्या उनके भाषण के दौरान सामने आई जब इस्तेमाल किए जा रहे टेलीप्रॉम्प्टर में खराबी आ गई। इस तकनीकी दिक्कत के चलते उनके भाषण का प्रवाह बाधित हुआ और उन्हें असुविधा का सामना करना पड़ा।
इसके बाद तीसरी समस्या उत्पन्न हुई जब सभागार के अंदर अचानक ऑडियो सिस्टम ने काम करना बंद कर दिया। इस वजह से दर्शकों और प्रतिनिधियों को उनके भाषण के कुछ हिस्से सुनने में दिक्कत आई।
‘तोड़फोड़’ की आशंका
ट्रंप ने इन घटनाओं को “साधारण तकनीकी गड़बड़ी” मानने से इनकार करते हुए इन्हें जानबूझकर की गई “तोड़फोड़” बताया। उनका कहना है कि इतने बड़े और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम में एक साथ तीन तकनीकी समस्याओं का आना संयोग नहीं हो सकता। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह उनकी छवि और भाषण को प्रभावित करने की सुनियोजित कोशिश हो सकती है।
ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र से इन घटनाओं की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। उनका तर्क है कि संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक मंच पर सुरक्षा और तकनीकी व्यवस्था की खामियों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
राजनीतिक और कूटनीतिक असर
इन घटनाओं को लेकर अमेरिकी मीडिया और विपक्ष में भी बहस शुरू हो गई है। ट्रंप समर्थकों ने इसे उनके खिलाफ षड्यंत्र करार दिया है, जबकि आलोचकों का कहना है कि तकनीकी गड़बड़ियों को अनावश्यक रूप से राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय हलकों में भी यह चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र की साख और तकनीकी व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, तकनीकी टीम को घटनाओं की जांच और खामियों की पहचान करने का निर्देश दिया गया है।
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यक्रम के दौरान हुई इन घटनाओं ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। ट्रंप द्वारा इसे “ट्रिपल तोड़फोड़” बताना न केवल तकनीकी जिम्मेदारियों पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर राजनीतिक माहौल कितना संवेदनशील है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जांच में क्या निष्कर्ष सामने आते हैं और क्या वास्तव में यह महज तकनीकी गड़बड़ी थी या फिर सुनियोजित साजिश।