
स्टेट डेस्क, आर्या कुमारी |
UP: कौशांबी में 9वीं की छात्रा को एक महीने में 9 बार सांप ने डसा, गांव में फैली दहशत
उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां 15 वर्षीय छात्रा रिया मौर्य को एक महीने के अंदर 9 बार सांप ने काट लिया। लगातार हो रही इन घटनाओं से परिवार दहशत में है और गांव के लोग भी भयभीत हैं। इलाज के लगातार खर्च से घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है, जिसके चलते अब झाड़-फूंक का सहारा लिया जा रहा है।
पहली बार 22 जुलाई को डसा
सिराथू तहसील के भैंसहापर गांव की रहने वाली रिया मौर्य कक्षा 9वीं की छात्रा है। रिया के पिता राजेंद्र मौर्य के मुताबिक, 22 जुलाई 2025 को खेत जाते समय उनकी बेटी को पहली बार सांप ने डसा था। जिला अस्पताल में इलाज के बाद वह ठीक हो गई थी। लेकिन कुछ ही दिनों बाद सांप के डसने का सिलसिला बार-बार दोहराया जाने लगा।
अगस्त में बढ़े हमले
13 अगस्त को फिर रिया को सांप ने काटा। हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने प्रयागराज रेफर किया, लेकिन परिजनों ने निजी अस्पताल में भर्ती कराया। इसके बाद 27 से 30 अगस्त के बीच सिर्फ चार दिनों में ही उसे चार बार सांप ने डसा। कभी नहाते समय, तो कभी घर के कामकाज के दौरान उस पर हमला हुआ। लगातार इलाज के कारण परिवार पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है और अब वह मजबूरी में तांत्रिकों के पास जाने को विवश हैं।
पीड़िता ने बताया अनुभव: रिया मौर्य का कहना है कि सांप बहुत बड़ा है, काले रंग का है और उस पर हरे निशान बने हुए हैं। “हर बार काटने के करीब एक घंटे बाद मैं बेहोश हो जाती हूं और होश आने पर खुद को या तो अस्पताल या फिर झाड़-फूंक कराने वाले के पास पाती हूं।” घटनाओं से घबराकर छोटे भाई-बहन ननिहाल चले गए हैं। परिवार फिलहाल एक कच्चे झोपड़ी जैसे घर में रह रहा है।
प्रशासन पर सवाल
गांववालों का आरोप है कि सूचना देने के बावजूद वन विभाग ने सांप को पकड़ने की कोई कोशिश नहीं की और न ही प्रशासन से कोई मदद मिली। इसी कारण ग्रामीणों के बीच भय का माहौल बना हुआ है।
स्वास्थ्य विभाग का बयान
कौशांबी के सीएमओ संजय कुमार ने बताया, “22 जुलाई को पहली बार रिया को सांप ने काटा था, जिसके बाद उसे 108 एंबुलेंस से जिला अस्पताल लाया गया। इलाज के बाद वह घर गई। 13 अगस्त को भी उसे सांप ने डसा। अब तक नौ बार सांप के डसने की जानकारी मिली है। कल शाम को भी उसे सांप ने डसा और सुबह सिराथू सीएचसी से मेडिकल टीम को गांव भेजा गया।”
यह घटना अब जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है। ग्रामीण और परिजन सवाल कर रहे हैं कि आखिर प्रशासन और वन विभाग कब तक चुप रहेगा और पीड़ित परिवार को कब तक राहत का इंतजार करना पड़ेगा।