अंकिता भंडारी हत्याकांड में बड़ा फैसला: तीनों आरोपियों को उम्रकैद, परिजनों ने मांगी फांसी
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देहरादून |
उत्तराखंड की बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में शुक्रवार को कोटद्वार कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। करीब ढाई साल से इंसाफ का इंतजार कर रहे परिजनों और जनमानस के लिए यह फैसला राहत की खबर लेकर आया है।
इस मामले में जांच कर रही विशेष जांच टीम (SIT) ने अदालत में 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें सभी सबूतों और गवाहों के आधार पर तीनों आरोपियों की संलिप्तता साबित की गई थी।
कोर्ट के फैसले से पहले भावुक हुए परिजन
फैसले से ठीक पहले अंकिता की मां सोनी देवी भावुक हो गईं और फूट-फूटकर रो पड़ीं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अदालत से बेटी को इंसाफ मिलेगा, लेकिन उनका मानना है कि उम्रकैद नहीं, आरोपियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।
वहीं, अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी ने भी कोर्ट से सख्त सजा की मांग की और देशवासियों से अपील की कि वे अंकिता को इंसाफ दिलाने के लिए उनके साथ खड़े रहें।
जनभावनाओं को झकझोर देने वाला मामला
यह मामला 2022 में तब सुर्खियों में आया था जब रिश्तों और सत्ता के दबाव में अंकिता की हत्या की गई थी। अंकिता एक रिसॉर्ट में कार्यरत थीं, और उनकी हत्या ने पूरे उत्तराखंड समेत देश को झकझोर कर रख दिया था। मामले में स्थानीय लोगों और मीडिया के दबाव के चलते SIT गठित की गई थी और जांच में तेजी लाई गई थी।
इंसाफ की लड़ाई का एक पड़ाव पूरा
हालांकि कोर्ट के फैसले से अंकिता को खो चुके परिवार को पूरा न्याय नहीं मिल पाया है, लेकिन उम्रकैद की सजा को इस लंबी कानूनी लड़ाई का पहला बड़ा पड़ाव माना जा रहा है।
परिजनों की मांग है कि सरकार इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील कर आरोपियों को फांसी की सजा दिलवाए।
यह फैसला न्याय व्यवस्था में जनता के भरोसे को और मजबूत करता है और यह संदेश देता है कि अपराध कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, कानून के सामने टिक नहीं सकता।