
स्टेट डेस्क, वेरोनिका राय |
लखनऊ में एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के परिवार का नाम सुर्खियों में है। उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष और भाजपा नेता अपर्णा यादव के भाई चंद्रशेखर सिंह बिष्ट उर्फ अमन बिष्ट के खिलाफ 14 करोड़ रुपये की ठगी का मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मुकदमा लखनऊ के गोमतीनगर थाने में कोर्ट के आदेश पर गंभीर धाराओं में दर्ज किया गया। मामला जमीन दिलाने के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी से जुड़ा है।
मामला क्या है
शिकायतकर्ता ठाकुर सिंह मनराल, जो लखनऊ की एक रियल एस्टेट कंपनी मरर्चन्टास इन्फाहाइट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं, ने आरोप लगाया कि अमन बिष्ट और उनके सहयोगी हिमांशु राय ने जमीन दिलाने के नाम पर उनसे लगभग 14 करोड़ रुपये लिए लेकिन न तो जमीन दी और न ही पैसे लौटाए। जब बार-बार मांगने पर भी रकम वापस नहीं हुई तो उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने शिकायत पर सुनवाई के बाद अमन बिष्ट और हिमांशु राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। आदेश के बाद 20 सितंबर को गोमतीनगर थाने में बीएनएस की धारा 316(5), 318(4), 338, 336(3) और 351 के तहत केस दर्ज किया गया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
परिवार पर लगातार विवाद
गौरतलब है कि अपर्णा यादव के परिवार के खिलाफ यह हाल में दर्ज दूसरा मामला है। इससे पहले 19 सितंबर को अपर्णा यादव की मां अंबी बिष्ट और चार अन्य लोगों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई थी। यह केस वर्ष 2016 के जानकीपुरम जमीन घोटाले से जुड़ा हुआ है।
अंबी बिष्ट उस समय लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) में तैनात थीं। उनके खिलाफ आरोप है कि उन्होंने एलडीए के अधिकारियों वीरेंद्र सिंह (तत्कालीन अनुभाग अधिकारी), देवेंद्र सिंह राठौड़ (उप सचिव), बी महादनी (वरिष्ठ कॉस्ट अकाउंटेंट) और शैलेंद्र कुमार गुप्ता (अवर वर्ग सहायक) के साथ मिलकर नियमों के विरुद्ध प्लॉट आवंटन में गड़बड़ी की और जमीन घोटाले को अंजाम दिया। इस मामले में भी जांच चल रही है।
राजनीतिक हलचल तेज
मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू और भाजपा नेता अपर्णा यादव इस समय उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष हैं। उनके परिवार के खिलाफ लगातार मुकदमे दर्ज होने से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। विपक्ष इस मामले को लेकर भाजपा पर हमलावर हो सकता है, क्योंकि अपर्णा यादव भाजपा से जुड़ी हुई हैं।
वहीं, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह मामला पूरी तरह न्यायालय के आदेश पर दर्ज किया गया है और इसमें निष्पक्ष जांच की जाएगी। फिलहाल पुलिस ने अमन बिष्ट और हिमांशु राय के खिलाफ साक्ष्य जुटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि अगर जांच में आरोप साबित होते हैं तो यह आर्थिक अपराध की श्रेणी में आएगा और इसमें सख्त कार्रवाई हो सकती है। फिलहाल पुलिस शिकायतकर्ता और आरोपियों दोनों के बयान दर्ज कर रही है और दस्तावेजी साक्ष्य जुटा रही है।
इस मामले पर अभी तक अपर्णा यादव या उनके परिवार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। राजनीतिक और कानूनी गलियारों में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।