स्टेट डेस्क,श्रेयांश पराशर
विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण से पहले बिहार की सियासत गरमा गई है। जमुई में आयोजित एक जनसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जनता को संबोधित करते हुए कई बड़े ऐलान किए। उन्होंने कहा कि अगर जनता ने जरा भी गलती की तो बिहार में फिर से “जंगलराज” लौट आएगा। अमित शाह ने कहा कि महागठबंधन का उद्देश्य राज्य को पिछड़ेपन की ओर ले जाना है, जबकि एनडीए का लक्ष्य बिहार को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाना है।
अमित शाह ने रैली के दौरान बिहार में डिफेंस कॉरिडोर बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जमुई में गोला-बारूद का कारखाना स्थापित किया जाएगा, जहां बने हथियारों से आतंकवाद पर कड़ा प्रहार होगा। शाह ने कहा कि बिहार की जमीन अब नक्सलवाद नहीं, बल्कि विकास का केंद्र बनेगी। उन्होंने बताया कि मोदी सरकार ने पिछले दस सालों में बिहार के हर जिले में सड़क, पुल, बिजली और उद्योग से जुड़ी परियोजनाओं को गति दी है।
अमित शाह ने लालू-राबड़ी शासन को निशाने पर लेते हुए कहा कि उस दौर में बिहार में अपहरण, उगाही और नरसंहार आम बात थी। “बारात निकलती थी तो बाराती के साथ कट्टा लेकर लोग उगाही करने पहुंच जाते थे।” उन्होंने कहा कि NDA की सरकार ने इस जंगलराज का अंत कर बिहार को विकास के रास्ते पर लाया है। सभा में उन्होंने राम मंदिर और सीता मंदिर का भी जिक्र किया। शाह ने कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने के बाद अब सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में 850 करोड़ रुपये की लागत से मां सीता का मंदिर बनाया जाएगा। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि कांग्रेस और लालू यादव इस मंदिर का विरोध कर रहे हैं, लेकिन “चाहे जितना विरोध हो, हम सीता माता का मंदिर बनाकर रहेंगे।”
अमित शाह ने वादा किया कि जीविका दीदियों को मिलने वाली राशि बढ़ाकर दो लाख रुपये की जाएगी और किसानों की मदद के लिए योजनाओं का विस्तार किया जाएगा। उन्होंने जनता से अपील की कि “चारों सीटें NDA को दें ताकि बिहार में फिर कभी जंगलराज की वापसी न हो।”
इस रैली के साथ ही बिहार की चुनावी राजनीति में एक बार फिर विकास बनाम जंगलराज का मुद्दा केंद्र में आ गया है।







