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अमेरिका-चीन समझौता: चीन देगा 'रेयर अर्थ मिनरल्स', अमेरिका देगा छात्रों को प्रवेश

ऋषि राज |

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को ऐलान किया कि अमेरिका और चीन के बीच एक नया द्विपक्षीय व्यापार समझौता हो गया है। इस समझौते के तहत चीन अमेरिका को रेयर अर्थ मिनरल्स और मैग्नेट्स (चुंबक) की आपूर्ति करेगा, जबकि अमेरिका चीनी छात्रों को अपनी यूनिवर्सिटियों में पढ़ाई की अनुमति देगा। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर इस सौदे की जानकारी साझा करते हुए कहा:
"हम 55% टैरिफ (शुल्क) ले रहे हैं, जबकि चीन को केवल 10% मिल रहा है। हमारा संबंध शानदार है!"

हालांकि ट्रंप ने इस घोषणा में कोई विस्तृत विवरण नहीं दिया कि किन शर्तों पर यह समझौता हुआ है, किन खनिजों की आपूर्ति की जाएगी, और किन विश्वविद्यालयों में छात्रों को प्रवेश मिलेगा।

क्या हैं 'रेयर अर्थ मिनरल्स'?

रेयर अर्थ मिनरल्स यानी दुर्लभ पृथ्वी खनिज वे तत्व होते हैं जो स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ, मिसाइल गाइडेंस सिस्टम, और ग्रीन टेक्नोलॉजी जैसे उत्पादों में अत्यंत आवश्यक होते हैं। चीन इस समय दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक है इन खनिजों का।

शिक्षा के क्षेत्र में रियायत

इस समझौते के तहत, अमेरिका ने चीन के छात्रों को फिर से कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में प्रवेश देने की अनुमति देने की बात कही है। बीते कुछ वर्षों में चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के कारण कई चीनी छात्रों को वीज़ा संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था।

अमेरिका को क्या लाभ?

अमेरिका को उच्च मात्रा में आवश्यक खनिजों की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
55% टैरिफ से आर्थिक लाभ संभव है। द्विपक्षीय संबंधों में स्थिरता की संभावनाएँ।

चीन को क्या क्या लाभ?

अमेरिकी शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों की पहुंच बहाल होगी। व्यापार पर लगे कुछ प्रतिबंधों में राहत।

यह समझौता दोनों देशों के बीच बीते वर्षों में बने तनाव को कम करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले ट्रंप इस तरह के समझौते करके अपनी कूटनीतिक छवि को मजबूत करना चाह रहे हैं।