
अयोध्या, श्रेयांश पराशर |
योगी ने मोदी को बताया 'आधुनिक भगीरथ', सूरत के कारोबारी ने दान किए हीरे-जवाहरात
अयोध्या के राम मंदिर में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा विधिवत संपन्न हुई। सीएम योगी ने पूजा की और पीएम मोदी को आधुनिक भारत का ‘भगीरथ’ बताया।
अयोध्या के भव्य राम मंदिर में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक समारोह के रूप में मनाई गई। यह आयोजन मंगलवार को अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11:25 से 11:40 बजे तक हुआ। राम दरबार मंदिर के प्रथम तल पर स्थापित किया गया है, जो कि गर्भगृह के ठीक ऊपर स्थित है। इस दरबार में भगवान श्रीराम, माता सीता, भाई लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और भक्त हनुमान की संगमरमर की सुंदर मूर्तियां विराजमान की गई हैं।
काशी के प्रख्यात पुरोहित जय प्रकाश त्रिपाठी की अगुवाई में 101 ब्राह्मणों द्वारा मंत्रोच्चार के साथ प्राण प्रतिष्ठा की गई। इस दौरान विधिवत रूप से मूर्तियों की आंखों की पट्टियाँ खोली गईं और उन्हें आईना दिखाया गया, जिससे उन्हें आत्मबोध कराया गया। जहां गर्भगृह में भगवान राम बालक रूप में विराजते हैं, वहीं राम दरबार में वह एक राजा के रूप में विराजमान हैं।
इस शुभ अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूजा-अर्चना की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को "आधुनिक भारत के भगीरथ" की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि जैसे भगीरथ ने गंगा को धरती पर लाया, वैसे ही पीएम मोदी ने 'नमामि गंगे' योजना के माध्यम से गंगा की पवित्रता को फिर से जागृत किया। योगी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने जिलों की एक नदी को पुनर्जीवित करने का संकल्प लें और उनमें गंदगी या मृत पशु न फेंके जाएं।
राम दरबार की दिव्यता और भव्यता को और भी विशिष्ट बनाने के लिए सूरत के एक उदार व्यापारी मुकेश पटेल ने मूल्यवान रत्न और आभूषणों का दान दिया। विश्व हिंदू परिषद के कोषाध्यक्ष दिनेश नेवादिया ने बताया कि दान किए गए आभूषणों में 1000 कैरेट का हीरा, 30 किलो चांदी, 300 ग्राम सोना और 300 कैरेट रुबी का उपयोग किया गया है। इन रत्नों से 11 मुकुट, हार, कुंडल, तिलक और चारों भाइयों के धनुष-बाण तैयार किए गए हैं। ये आभूषण विशेष चार्टर्ड फ्लाइट से अयोध्या पहुंचाए गए।
इसके साथ ही मंदिर के परकोटे में बने छह अन्य मंदिरों — भगवान शिव, श्री गणेश, सूर्य देव, हनुमान, मां भगवती और मां अन्नपूर्णा — में भी प्राण प्रतिष्ठा की गई। इस आयोजन में केवल 350 विशेष अतिथियों को आमंत्रित किया गया था, जिनमें अधिकतर ट्रस्ट के सदस्य और संत-महात्मा थे।
जयपुर के मूर्तिकारों द्वारा बनाई गई ये मूर्तियां मकराना के सफेद संगमरमर से तैयार की गई हैं। भगवान राम और सीता सिंहासन पर विराजमान हैं, जबकि भरत और हनुमान उनके चरणों में बैठकर भक्ति भाव प्रकट करते हैं।
यह आयोजन अयोध्या के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पुनर्जागरण का प्रतीक बन गया है।