Ad Image
Ad Image
टाइफून मातमो तूफान को लेकर चीन में ऑरेंज अलर्ट, सेना तैयार || हमास बंधकों को करेगा रिहा, राष्ट्रपति ट्रंप ने गाजा पर बमबारी रोकने को कहा || पहलगाम हमले के बाद पता चला कौन भारत का असली मित्र: मोहन भागवत || भारत के साथ व्यापार असंतुलन कम करने का अपने अधिकारियों को पुतिन का आदेश || मेक्सिको की राष्ट्रपति शीनबाम की इजरायल से अपील, हिरासत में लिए मेक्सिको के नागरिकों को जल्दी रिहा करें || शास्त्रीय गायक पद्मविभूषण छन्नूलाल मिश्र का मिर्जापुर में निधन, PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि || स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का कोई विकल्प नहीं: मोहन भागवत || अमित शाह ने कहा, देश अगले 31 मार्च तक नक्सलवादी लाल आतंक से मुक्त होगा || भारतीय क्रिकेट टीम ने जीता एशिया कप, PM समेत पूरे देश ने दी बधाई || तमिलनाडु: एक्टर विजय की रैली में भगदड़, 31 की मौत, 40 से ज्यादा घायल

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

नेशनल डेस्क, ऋषि राज |

आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, शेल्टर होम भेजे गए कुत्तों को छोड़ा जाएगा

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आवारा कुत्तों को लेकर एक अहम फैसला सुनाया। अदालत ने कहा है कि शेल्टर होम में भेजे गए सभी निर्दोष और गैर-आक्रामक आवारा कुत्तों को छोड़ा जाएगा। हालांकि, आक्रामक और खतरनाक कुत्तों को छोड़े जाने की अनुमति नहीं होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आवारा कुत्तों की समस्या मानवीय दृष्टिकोण से हल की जानी चाहिए। अदालत ने इस दौरान यह भी स्पष्ट किया कि सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को खाना खिलाने पर पाबंदी रहेगी। इसके लिए अदालत ने राज्य सरकारों और स्थानीय निकायों को नियम लागू करने का निर्देश दिया।

क्या कहा कोर्ट ने?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कुत्ते भी जीवित प्राणी हैं और उन्हें जीने का अधिकार है, लेकिन यह अधिकार आम नागरिकों की सुरक्षा के खिलाफ नहीं होना चाहिए। अदालत ने राज्यों को निर्देश दिया कि वे ऐसे आवारा कुत्तों की पहचान करें जो आक्रामक स्वभाव के हैं और जिनसे लोगों की सुरक्षा को खतरा है। ऐसे कुत्तों को शेल्टर होम में ही रखा जाएगा।

पिछले कुछ समय में देश के अलग-अलग हिस्सों से आवारा कुत्तों के हमले की घटनाएं सामने आई थीं। कई बार छोटे बच्चों और बुजुर्गों को इन हमलों का शिकार होना पड़ा। इसके बाद कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थीं, जिनमें लोगों की सुरक्षा और आवारा कुत्तों के पुनर्वास दोनों को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश मांगे गए थे।
निर्णय का महत्व

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उन लोगों के लिए राहत की खबर है जो पशु अधिकारों की रक्षा करना चाहते हैं, साथ ही उन परिवारों के लिए भी जो आवारा कुत्तों के हमलों से चिंतित रहते हैं। कोर्ट ने साफ कहा है कि संतुलन बनाए रखना जरूरी है — न तो कुत्तों को अंधाधुंध खत्म किया जाए और न ही आम नागरिकों की सुरक्षा से खिलवाड़ हो।