
विदेश डेस्क, ऋषि राज |
मध्य पूर्व में इज़रायल और हमास के बीच जारी युद्ध एक बार फिर खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। बीते 24 घंटों में हुई झड़पों में इज़रायल के कम से कम चार सैनिकों की मौत हो गई, जबकि गाज़ा पट्टी में 85 से अधिक फ़लस्तीनियों ने अपनी जान गंवाई है। दोनों पक्षों के बीच बढ़ते हमलों से स्थिति और तनावपूर्ण हो गई है।
टैंकों के साथ आगे बढ़ रही इज़रायली सेना
रिपोर्ट्स के अनुसार, इज़रायल की सेना ने गाज़ा पट्टी में हमास के ठिकानों को निशाना बनाते हुए ज़मीनी कार्रवाई तेज कर दी है। भारी बख़्तरबंद टैंक और सैन्य वाहनों के साथ इज़रायली सेना गाज़ा के उत्तरी हिस्से में प्रवेश कर चुकी है। सेना का दावा है कि यह कार्रवाई हमास की सुरंगों और हथियारों के जख़ीरे को खत्म करने के लिए की जा रही है। इज़रायल के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि “हम तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक हमास की सैन्य क्षमताओं को पूरी तरह समाप्त नहीं कर देते।”
गाज़ा में तबाही और जनहानि
दूसरी ओर, गाज़ा में लगातार हो रहे हवाई और ज़मीनी हमलों ने नागरिकों के लिए स्थिति भयावह बना दी है। स्थानीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक मारे गए 85 फ़लस्तीनी नागरिकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। सैकड़ों लोग घायल बताए जा रहे हैं और गाज़ा के अस्पताल ओवरलोड हो चुके हैं। बिजली और पानी की आपूर्ति ठप हो गई है, जिससे आम लोगों का जीवन संकट में है।
मानवीय संकट गहराया
संयुक्त राष्ट्र और कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने चेतावनी दी है कि गाज़ा पट्टी में मानवीय संकट विकराल रूप ले रहा है। हज़ारों लोग बेघर हो गए हैं और सुरक्षित ठिकानों की तलाश में भटक रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने दोनों पक्षों से तुरंत संघर्ष विराम की अपील की है और कहा है कि “नागरिकों की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए।”
हमास की प्रतिक्रिया
हमास ने इज़रायल की कार्रवाई को “आक्रामकता” करार देते हुए चेतावनी दी है कि वे पीछे नहीं हटेंगे। हमास के प्रवक्ता ने कहा कि “इज़रायल गाज़ा को तबाह करना चाहता है, लेकिन हम अपने प्रतिरोध को और मज़बूत करेंगे। हर हमले का जवाब दिया जाएगा।” हमास ने दावा किया कि उनकी ओर से दागे गए रॉकेटों ने इज़रायल के कई शहरों में चेतावनी सायरन बजने पर मजबूर कर दिया।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिका ने इज़रायल के आत्मरक्षा के अधिकार को दोहराया है, लेकिन साथ ही गाज़ा में नागरिकों की मौत पर चिंता जताई है। वहीं, यूरोपीय संघ ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और शांति वार्ता की ओर लौटने की अपील की है। अरब लीग ने इज़रायल की कार्रवाइयों को अनुचित ठहराते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग की है।
इज़रायल के प्रधानमंत्री ने साफ कर दिया है कि यह सैन्य अभियान लंबा चल सकता है। दूसरी तरफ, गाज़ा में लगातार बढ़ती मौतें अंतरराष्ट्रीय दबाव को और तेज कर रही हैं।
इज़रायल-हमास युद्ध एक बार फिर खूनी जंग का रूप ले चुका है। जहां इज़रायल अपनी सैन्य ताकत के दम पर हमास को समाप्त करना चाहता है, वहीं गाज़ा में मासूम नागरिक सबसे बड़ी कीमत चुका रहे हैं। आने वाले दिनों में युद्ध किस दिशा में जाएगा, यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया और दोनों पक्षों की जिद पर निर्भर करेगा।