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इज़रायली सेना की धमकी से दहला गाजा, नागरिकों से इलाका छोड़ने की अपील

विदेश डेस्क, ऋषि राज |

मध्य पूर्व एक बार फिर गंभीर संकट की ओर बढ़ रहा है। इज़रायल ने गाजा पट्टी के नागरिकों को स्पष्ट चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगर जल्द से जल्द इलाका खाली नहीं किया गया तो सेना बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू करेगी। इज़रायल के रक्षा मंत्रालय और सेना (IDF) ने यह बयान जारी कर गाजा में मौजूद नागरिकों को सुरक्षित इलाकों में जाने की अपील की है।

इज़रायल का कहना है कि गाजा से लगातार रॉकेट दागे जा रहे हैं और हमास तथा अन्य आतंकी संगठनों ने यहां से ऑपरेशन तेज कर दिया है। इज़रायली सेना का दावा है कि गाजा में छिपे आतंकियों को खत्म करने के लिए ज़मीनी ऑपरेशन अनिवार्य हो गया है। यही कारण है कि गाजा के नागरिकों को पहले से अलर्ट किया जा रहा है, ताकि निर्दोष लोग इस हमले की चपेट में न आएं।

गाजा पट्टी पहले से ही मानवीय संकट से गुजर रही है। यहां बिजली, दवाइयों और पीने के पानी की भारी कमी है। हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं और अस्पताल क्षमता से अधिक दबाव झेल रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने इज़रायल से अपील की है कि किसी भी सैन्य कार्रवाई से पहले मानवीय गलियारे खोले जाएं ताकि महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।

इज़रायली सेना का कहना है कि हमास नागरिकों को ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहा है। सेना के अनुसार, कई हमास ठिकाने स्कूलों, मस्जिदों और रिहायशी इलाकों के नीचे बनाए गए हैं, जिससे ऑपरेशन और कठिन हो जाता है। इज़रायल ने साफ कर दिया है कि हमले केवल आतंकियों पर होंगे, लेकिन अगर नागरिक इलाके खाली नहीं करते तो जान-माल का नुकसान बढ़ सकता है।

दूसरी ओर, फिलिस्तीनी नेताओं ने इज़रायल की चेतावनी को “जबरदस्ती का कदम” बताया है। उनका कहना है कि गाजा पहले से घिरा हुआ है और लोग बाहर नहीं जा सकते। ऐसे में "खाली करो" जैसी चेतावनी सिर्फ डराने के लिए है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस स्थिति ने चिंता बढ़ा दी है। अमेरिका, यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र ने इज़रायल और हमास दोनों से संयम बरतने की अपील की है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इज़रायल ने ज़मीनी ऑपरेशन शुरू किया तो यह संघर्ष लंबे समय तक चल सकता है और इसका असर पूरे मध्य पूर्व पर पड़ेगा।

गाजा के लोग भय और अनिश्चितता के बीच जी रहे हैं। वे न तो पूरी तरह सुरक्षित हैं, न ही उनके पास कहीं भागने का रास्ता है। ऐसे में आने वाले कुछ दिन तय करेंगे कि क्या यह चेतावनी सिर्फ दबाव बनाने की रणनीति है या फिर सचमुच बड़े युद्ध की शुरुआत होने जा रही है।