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उनएकेडमी के सह-संस्थापक गौरव मुंजाल की ऐतिहासिक विदाई

बिजनेस डेस्क, मुस्कान कुमारी |

नई दिल्ली: एडटेक क्षेत्र से बड़ी खबर! उनएकेडमी के सह-संस्थापक और पूर्व सीईओ गौरव मुंजाल ने कंपनी से पूरी तरह विदाई ले ली है। लंबे समय से चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए 26 सितंबर को औपचारिक घोषणा हुई। यह फैसला न केवल उनएकेडमी बल्कि पूरे भारतीय स्टार्टअप जगत के लिए अहम माना जा रहा है। मुंजाल का कदम संस्थापकों के लिए सीख है; कब और कैसे सही समय पर 'अलविदा' कहना जरूरी हो सकता है।

लंबी तैयारी के बाद अंतिम निर्णय

2015 में हेमेश सिंह और रोमन सैनी के साथ मिलकर शुरू हुई उनएकेडमी को मुंजाल ने यूनिकॉर्न स्टेटस तक पहुंचाया। कोविड काल में यह तेजी से बढ़ी, लेकिन पिछले दो वर्षों में कंपनी पर संकट गहराया—महामारी के बाद मंदी, कड़ी प्रतिस्पर्धा और वैश्विक आर्थिक उतार-चढ़ाव ने चुनौतियां बढ़ा दीं। मई 2023 में मुंजाल ने सीईओ पद छोड़ा, मगर बोर्ड में बने रहे। महीनों तक चली चर्चाओं के बाद उन्होंने अब शेयरहोल्डिंग के साथ विदा ले ली। यह बदलाव कंपनी की नई शुरुआत का संकेत है, जहां फोकस स्थिरता और विकास पर रहेगा।

फिजिक्स वालेह जैसे प्रतिद्वंद्वी भी रणनीति बदल रहे हैं, लेकिन मुंजाल का जाना ज्यादा भावनात्मक असर छोड़ रहा है। कर्मचारी और यूजर्स उनके विज़न को याद कर रहे हैं, जिसने लाखों छात्रों को प्रभावित किया।

संस्थापकों के लिए सबक: विदाई भी ज़रूरी

स्टार्टअप संस्थापक अक्सर अपने प्रोजेक्ट से अलग होने में हिचकते हैं। मगर बाजार की सच्चाई अलग है। 2021 में 3.44 अरब डॉलर की वैल्यूएशन छू चुकी उनएकेडमी आज फंडिंग की कमी, छंटनी और यूजर बेस की चुनौतियों से जूझ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि बोर्ड और निवेशकों के साथ रणनीतिक चर्चा के बाद मुंजाल का हटना जरूरी था ताकि नया नेतृत्व कंपनी को दिशा दे सके।

मुंजाल की कहानी प्रेरणादायी है—यूट्यूब चैनल से शुरू होकर उन्होंने डिजिटल लर्निंग का चेहरा बदल दिया। उनकी विदाई एक युग का अंत जरूर है, लेकिन साथ ही नए अवसरों का आरंभ भी।

उनएकेडमी का भविष्य: स्थिरता पर फोकस

कंपनी का मौजूदा नेतृत्व स्पष्ट कर चुका है कि बड़े बदलाव नहीं होंगे। ध्यान अब कोर कोर्सेज, टेस्ट सीरीज और लाइव क्लासेस पर होगा। पिछले सालों में 20% से ज्यादा छंटनी के बाद अब रिकवरी के संकेत मिलने लगे हैं। सॉफ्टबैंक और जनरल अटलांटिक जैसे निवेशक इस बदलाव को सकारात्मक देख रहे हैं।

भारत का एडटेक बाजार, जो 2025 में 10 अरब डॉलर पार करने वाला है, बेहद प्रतिस्पर्धी हो चुका है। बायजूज और उडेमी जैसे दिग्गजों के बीच उनएकेडमी को अपनी पहचान मजबूत करनी होगी। हालांकि, मुंजाल की विरासत—शिक्षा को डिजिटल माध्यम से सुलभ बनाना—लंबे समय तक बरकरार रहेगी।

निवेशकों के लिए संदेश: 'लेट गो' की अहमियत

स्टार्टअप जगत में संस्थापक-निवेशक रिश्ते अक्सर तनावपूर्ण हो जाते हैं। उनएकेडमी के मामले में निवेशकों ने परिपक्व रवैया अपनाते हुए मुंजाल को धीरे-धीरे अलग होने की सलाह दी। जानकार मानते हैं कि ऐसे फैसले कंपनी की वैल्यू बचाते हैं और भविष्य को सुरक्षित करते हैं।

एडटेक निवेश 2024–25 में 30% गिरा है, लेकिन उनएकेडमी जैसे बड़े खिलाड़ियों के लिए अवसर अब भी मौजूद हैं। मुंजाल का जाना कंपनी को नए फंडिंग राउंड और बेहतर वैल्यूएशन की राह खोल सकता है।

मुंजाल आगे क्या करेंगे, इस पर कयास जारी हैं—नई वेंचर या मेंटरिंग की ओर उनका रुख संभव है। उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स पर शुभकामनाओं की बाढ़ यह साबित करती है कि वे छात्रों और उद्यमियों के बीच कितने लोकप्रिय हैं।

एडटेक का नया दौर: संभावनाएं और चुनौतियां

पिछले पांच सालों में भारतीय एडटेक सेक्टर ने तेज़ी से विस्तार किया है। ग्रामीण क्षेत्रों तक ऑनलाइन शिक्षा पहुंचाना उनएकेडमी जैसी कंपनियों की बड़ी उपलब्धि रही। अब चुनौती स्थिरता की है। गेटवे, नेविगेटर और सब्सक्रिप्शन मॉडल जैसे उत्पाद कंपनी के भविष्य की नींव बनेंगे।

कर्मचारियों में प्रतिक्रिया मिश्रित है—कुछ इसे ताजगी मान रहे हैं, कुछ भावुक हैं। लेकिन कुल मिलाकर यह परिवर्तन उनएकेडमी को ज्यादा मजबूत और लचीला बनाएगा।

गौरव मुंजाल की यात्रा—इंजीनियर से एडटेक लीडर तक—प्रेरणा का स्रोत रहेगी। उनका जाना अंत नहीं, बल्कि एक नए अध्याय की शुरुआत है। ऐसे मोड़ अक्सर उद्योग के लिए सफलता की कुंजी साबित होते हैं।